पटना. बिहार में अब मानव की तरह पशुओं की अप्राकृतिक मौत पर भी सरकार मुआवजा देगी. महागठबंधन की सरकार में पशु पालकों के लिए मुआवजा नीति तैयार की गयी है. अब पशुपालकों को उनके पशुओं के प्राकृतिक मौत पर मुआवजा मिलेगा. खास तौर पर गाय और भैंस पालने वालों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी.
गाय और भैंस की मौत हो जाने पर हर पशु के हिसाब से 30,000 दिये जाएंगे. हालांकि एक परिवार को अधिकतम 3 पशुओं का ही मुआवजा मिलेगा. इसी तरह घोड़ा और बैल की मौत अप्राकृतिक तरीके से हो जाने पर 25000, बछड़ा और गदहा की मौत पर 16000 और भेड़ बकरी की मौत पर 3000 रुपया मुआवजा के तौर पर दिए जाएंगे.
महागठबंधन की सरकार ने यह फैसला किया है कि अगर पशुओं की अप्राकृतिक मौत होती है, तो ऐसी स्थिति में पशुपालकों को मुआवजा दिया जाएगा. सरकार के इस फैसले के पीछे तेजस्वी यादव की सोच बतायी जा रही है. सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इस मुआवजे पर बहुत दिनों से विचार कर रहे थे.
सरकार बनने के बाद तेजस्वी यादव ने अपने विचार सरकार के स्तर पर रखा और अब सरकार के स्तर पर यह फैसला किया गया है कि पशुओं के अप्राकृतिक मौत को आपदा की श्रेणी में रखा जाएगा और इसी नीति के तहत मुआवजा भी दिया जाएगा. सरकार ने पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2022 23 में 5850000 की राशि स्वीकृत की है.
पशुओं की मौत को लेकर विभाग ने जो आदेश जारी किया है, उसमें कहा गया है कि आपदा के अलावा किसी संक्रामक रोग कुत्ता काटने जंगली जानवरों के काटने सांप के काटने और किसी दुर्घटना में अधिक संख्या में पशुओं की मौत पर भी बालकों को मुआवजा मिलेगा. हालांकि तकनीकी टीम यह देखेगी कि पशुओं की मौत की वजह पशुपालकों की लापरवाही या कोई अन्य कारण तो नहीं है.
जानकार मानते हैं कि सरकार के इस फैसले से पशुपालकों में महागठबंधन का वोट बैंक और ज्यादा मजबूत होगा. जिस तबके को इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा पहुंचना है, वह पहले से ही तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के साथ खड़ा रहा है. ऐसे में महागठबंधन की सरकार में आते ही तेजस्वी यादव ने पशुपालकों को अपनी तरफ से एक बड़ा तोहफा दे दिया है.