नवादा नगर. शहर की सड़कों पर अतिक्रमण एक ऐसी बीमारी बन चुकी है, जिसका अब तक कोई इलाज नहीं मिल पाया है. नगर प्रशासन की ओर से समय-समय पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया, लेकिन परिणाम हर बार सिफर ही रहा. बुधवार को भी शहर की प्रमुख सड़कें फुटपाथ दुकानदारों, अवैध इ-रिक्शा व टेंपो स्टैंड और सब्जी विक्रेताओं के कब्जे में हैं. इन अतिक्रमणों के कारण शहरवासी रोजाना जाम की भयंकर समस्या से दो-चार हो रहे हैं. तीन माह पहले प्रशासन ने अभियान चलाकर प्रजातंत्र चौक से खुरी नदी, विजय बाजार, फूल मंडी, लाल चौक और स्टेशन रोड तक कार्रवाई की थी. इस दौरान प्रजातंत्र चौक से प्रसादबिगहा तक सड़क के किनारे खड़े दो दर्जन से अधिक फुटपाथ दुकानदारों व इ-रिक्शा चालकों से जुर्माना वसूला था. इसके बाद कुछ दिनों तक इन इलाकों में सुधार दिखा. लेकिन, कुछ ही समय बाद फिर वही समस्या बरकरार हो गयी. लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. सड़कों पर घंटों तक लगने वाला जाम आम बात हो गयी है.
अवैध इ-रिक्शा व टेंपो स्टैंड से और बिगड़ी स्थिति
लाल चौक से खुरी नदी के पास मछली बाजार तक और स्टेशन रोड, कदम कुआं चौक, इंदिरा गांधी चौक, प्रजातंत्र चौक जैसे क्षेत्रों में अवैध इ-रिक्शा व टेंपो स्टैंड ने सड़क पर अतिक्रमण कर लिया है. ये वाहन सड़क पर ही सवारी उतारने और चढ़ाने का काम करते हैं. इससे हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है. इन जगहों पर इतना ट्रैफिक होता है कि वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है. स्कूल और कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं, कामकाजी लोगों और बुजुर्गों के लिए ये सड़कें जैसे एक जाल बन चुकी हैं. खासकर सुबह और शाम के वक्त हालात और भयावह हो जाता हैं. वाहनों की कतारें, पैदल यात्रियों की भीड़ और अव्यवस्थित टेंपो-रिक्शा लाइनें मिलकर ऐसी स्थिति उत्पन्न कर देती हैं कि लोग समय पर कहीं पहुंच ही नहीं पाते.कानून के पालन में लापरवाही, पुलिस बनी मूकदर्शक
प्रजातंत्र चौक, भगत सिंह चौक, कचहरी रोड और लाल चौक जैसे अति व्यस्त क्षेत्रों में पुलिस और नगर पर्षद की लाख कोशिशों के बावजूद अतिक्रमण का सिलसिला नहीं थमा है. सब्जी विक्रेता, फल दुकानदार, इ-रिक्शा और ऑटो चालकों की मनमानी से आमजन को भारी परेशानी हो रही है. सबसे खतरनाक स्थिति तब बनती है, जब जाम के कारण एंबुलेंस और गंभीर मरीजों को लेकर जा रही गाड़ियां भी फंसी जाती हैं.
पुलिस इस पर गंभीर नहीं दिखती : नगर पर्षद
नगर पर्षद का कहना है कि अतिक्रमण हटाने के बाद संबंधित थाने को सूचित कर दिया जाता है, ताकि दोबारा अतिक्रमण न हो. लेकिन पुलिस इस पर गंभीर नहीं दिखती. नतीजा ये है कि कुछ ही दिनों में उसी स्थान पर फिर से अतिक्रमित हो जाता है. नगर पर्षद ने कानूनी कार्रवाई की बात तो कही है, लेकिन उसका असर धरातल पर नहीं दिख रहा.
गोला रोड और कदम कुआं चौक पर जाम का कहरशहर के गोला रोड और कदम कुआं चौक की स्थिति सबसे खराब है. यहां रोजाना घंटों जाम लगता है. इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस नदारद रहती है. इन इलाकों में वाहनों के प्रवेश, अवैध अतिक्रमण व पार्किंग से स्थिति और बिगड़ जाती है. यहां तक कि आमजन ही नहीं, आपातकालीन सेवाएं भी बाधित हो रही हैं.एक महीने तक सख्त व योजनाबद्ध अभियान चलाने की जरूरत :नगर के बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि दो-चार महीने में एक-दो दिन की कार्रवाई से कुछ नहीं होगा. इसके लिए एक महीने तक लगातार, सख्त और योजनाबद्ध अभियान की जरूरत है. पुलिस और नगर परिषद की संयुक्त टीम को हर रोज मुख्य सड़कों और चौक-चौराहों का मुआयना करना चाहिए. जिन स्थानों से अतिक्रमण हटाया गया है, वहां फिर से कब्जा करने वालों पर जुर्माना और कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही, ट्रैफिक पुलिस को भी सक्रिय किया जाए और सड़कों पर उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जाए. वरना, अतिक्रमण और जाम की समस्या यूं ही बनी रहेगी और नवादा शहर की सड़कों पर लोगों का चलना दिन-ब-दिन और मुश्किल होता जायेगा. जब तक प्रशासन सख्त और लगातार कार्रवाई नहीं करता, तब तक अतिक्रमण और जाम से मुक्ति संभव नहीं है. जरूरत है एक ईमानदार और ठोस पहल की, जो सिर्फ कागजों पर नहीं बल्कि जमीन पर असर दिखाए.ं
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