कुव्यवस्था. सदर अस्पताल में मरीजों को ठंड से बचना चुनौती
Advertisement
हल्के कंबल से कटती है रात, अलाव नसीब नहीं
कुव्यवस्था. सदर अस्पताल में मरीजों को ठंड से बचना चुनौती नवादा नगर : शीतलहर व कड़ाके की ठंड में सदर अस्पताल में भरती मरीज एक पतले कंबल के सहारे रात काटते हैं. इलाज के लिए आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को ठंड से बचना चुनौती से कम नहीं है. सदर अस्पताल में मरीजों को […]
नवादा नगर : शीतलहर व कड़ाके की ठंड में सदर अस्पताल में भरती मरीज एक पतले कंबल के सहारे रात काटते हैं. इलाज के लिए आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को ठंड से बचना चुनौती से कम नहीं है. सदर अस्पताल में मरीजों को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा सभी मरीजों को एक कंबल दिया जाता है, लेकिन यह सुविधा इस कड़ाके की ठंड में नाकाफी दिखती है. ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर, हर्ट अटैक की समस्या, छाती से जुड़ी समस्या आदि के मरीज अधिक रहते हैं. इसके अलावे अस्पताल में प्रतिदिन होने वाले विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन के मरीज व महिला वार्ड में मरीजों की संख्या अधिक रहती है.
ठंड से बचाव की जरूरत : इलाज के लिए आने वाले मरीजों के साथ परिवार के लोग भी होते हैं, जो इस ठंड में बचाव के साधन ढुंढते दिखते हैं. रात में कई लोग किसी तरह से अलाव की व्यवस्था कर ठंड से बचाव करते दिखते हैं. रात में ठंड का प्रभाव और भी अधिक बढ़ जाता है. सदर अस्पताल में लगभग आठ बेड खुले बरामदे में लगा हुआ है. ठंड से बचाव की सबसे अधिक समस्या है, जिस मरीज को रात में बरामदे में ठहरना होता है उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
40 से 50 मरीज रहते हैं प्रतिदिन
सामान्य तौर पर विभिन्न प्रकार के ऑपरेशन व महिला वार्ड के मरीजों को मिला कर औसतन 40 से 50 मरीज प्रतिदिन सदर अस्पताल में इलाज के लिए बेड पर रहते हैं. दुर्घटना या अन्य कारणों से मरीजों की संख्या भी बढ़ती है. लेकिन इन मरीजों व इनके परिजन अलाव के लिए आस पास के चाय या खुद से उपलब्ध किये गये अलाव के सहारे ही रात काटते हैं.
ऑपरेशन वाले मरीज होते हैं अधिक : दिन में तो किसी प्रकार से इंतजाम कर अस्पताल में भरती मरीज व उसके परिजन काम चला लेते हैं. रात के समय नसबंदी, आंखों के ऑपरेशन, बाबासीर के ऑपरेशन, महिलाओं की सिजेरियन आदि के मरीज अधिक होते हैं, जो रात में सदर अस्पताल में भरती होते हैं.
बरामदे में रहनेवाले मरीजों को होती है अधिक समस्या
अस्पताल में मरीज व उनके परिजनों की लगी भीड़.
रात में किसी प्रकार ठंड गुजारते हैं. घर से कंबल व कपड़े लाये हैं. अस्पताल द्वारा एक पतला कंबल दिया गया है, रात में बाहर आग जला कर परिवार के लोग रहते हैं. सुविधा नहीं रहने से काफी परेशानी हो रही है़. अलाव की व्यवस्था बहुत जरूरी है़
कुंजल चौहान, माहुली
ठंड के कारण ही तबीयत खराब हुई है. अब अस्पताल में ठंड से बचना मुश्किल हो रहा है. किसी तरह रात भर गुजारते हैं. रात में बरामदे पर मरीज नहीं रहता है, इससे कुछ राहत है लेकिन जिस दिन किसी को यहां रहना पड़ा, तो ज्यादा दिक्कत होगी.
अंजु देवी, रटनी
मरीजों की सुविधा के लिए प्रत्येक बेड पर एक कंबल दिया जाता है. महिला वार्ड में जरूरत के लिए गरम पानी करने हेतु सौर ऊर्जा का बड़ा ब्यलर लगा हुआ है. इसके अलावे ड्यूटी करने वाले डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों के बचाव के उपाय किये जाते हैं. अस्पताल परिसर में आपदा द्वारा अलाव की व्यवस्था करने की मांग की गयी है. बरामदे को ढकने के लिए निर्देश दिया गया है.
डॉ रामलंदन प्रसाद, डीएस, सदर अस्पताल
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement