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कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान, हवन व स्नान
महीनेभर चलनेवाले कार्तिक स्नान का हुआ समापन महिलाओं ने सरोवर, नदी घाट पर स्नान कर दिया ब्राह्मणों व निर्धनों को दान नवादा कार्यालय : जिले भर में रविवार से ही कार्तिक पूर्णिमा को लेकर महिला श्रद्धालुओं में खासा उत्साह दिखा. सुल्तानगंज, बाढ़, बख्तियारपुर, बड़हिया जैसे गंगा किनारे स्थित घाट पर जाने के लिए ट्रेनों में […]
महीनेभर चलनेवाले कार्तिक स्नान का हुआ समापन
महिलाओं ने सरोवर, नदी घाट पर स्नान कर दिया ब्राह्मणों व निर्धनों को दान
नवादा कार्यालय : जिले भर में रविवार से ही कार्तिक पूर्णिमा को लेकर महिला श्रद्धालुओं में खासा उत्साह दिखा. सुल्तानगंज, बाढ़, बख्तियारपुर, बड़हिया जैसे गंगा किनारे स्थित घाट पर जाने के लिए ट्रेनों में भी काफी भीड़ रही.
शहर में रात के तीसरे पहर से ही सड़कों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. महिला, बच्चे, बुजुर्ग सहित धर्मप्रेमी युवा भी नदी, तालाब व सरोवर में स्नान को उत्सुक रहे. शहर के शोभनाथ मंदिर, मिर्जापुर सूर्य मंदिर, मोतीबिघहा सूर्य मंदिर, कादिरगंज सहित जिले भर के नदी घाटों व सरोवरों पर भक्तों की भीड़ जमी रही.
कार्तिक पूर्णिमा का है विशेष धार्मिक महत्व: सनातन धर्म में पूर्णिमा का खास महत्व हैं. इसमें कार्तिक महीने की पूर्णिमा को सर्वोत्तम माना गया हैं. इसे त्रिपुरी पूर्णिमा व गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता हैं. इसी दिन भगवान शंकर ने अत्याचारी व महाभयानक त्रिपुरासुर का अंत करके लोगों को त्राण दिलाया. इस लिये शिव त्रिपुरारी कहलाये और यह पूर्णिमा त्रिपुरी पूर्णिमा के नाम से विख्यात हुई. इस दिन गंगा स्नान करने से वर्ष भर पुण्य फल की प्राप्ति होती हैं. इसी दिन भगवान विष्णु ने वेदों की रक्षा के लिए मत्स्य अवतार धारण किया था. श्रद्धालु स्त्रियां महीने भर सुबह में स्नान करके पूजा-अर्चना करती हैं. संध्या समय आंगन में लगे तुलसी पौधे के पास घी के दीये जला कर परिवार और समाज की मंगल कामना करती हैं. कार्तिक पूर्णिमा को महीने भर किये गये तपस्या का समापन करके नदियों में दीप जला कर प्रवाहित करती हैं.
दान-पुण्य करके करती हैं
मंगलकामना : इस दिन गंगा स्नान, दीप दान, हवन, यज्ञ आदि करने से सांसारिक दुःख, पाप व ताप का अंत होता है. इस दिन किये जाने वाले अन्न, धन व वस्त्र दान का भी बहुत महत्व बताया गया है. इस दिन जो भी दान किया जाता हैं उसका कई गुणा लाभ मिलता है.लोग पुरोहित, ब्राह्मणों को धन धान्य, अनाज का दान पुण्य करते हैं. निर्धन व निर्बल को दान दिया जाता हैं. शहर के तीर्थ स्थलों पर मेला लगा. इसमें बच्चों के लिए मिट्टी के खिलौने, चाट पकौड़े, गुपचुप सहित कई दुकानें लगी. लोगों ने इस अवसर पर पूजा-अर्चना करके शांति व समृद्धि की कामना की.
पकरीबरावां : कार्तिक पूर्णिमा पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों उमड़ी. श्रद्धालु बड़ी तालाब सहित विभिन्न जालशयों में स्नान कर पूजा-अर्चना के उपरांत दीप व अन्य सामग्री दान की. इस दौरान प्रखंड मुख्यालय स्थित देवी स्थान में श्रद्वालु सुबह से पूजा-अर्चना व अन्य कार्याें में लीन रहे. इस दौरान श्रद्धालु ब्राह्मणों से कथा सुनी.
नारदीगंज : प्रखंड के विभिन्न गांवों में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की. पौ फटते ही श्रद्धालु महिलाएं व पुरुषों ने नदी, पोखर के अलावा पवित्र जल में स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर परिवार के सुख, समृद्धि की कामना की. इस दौरान ऐतिहासिक हंडिया गांव स्थित पोखर, नारदीगंज स्थित पंचाने नदी के अलावा अन्य गांवों स्थित जलाशयों में लोगों ने डुबकी लगायी. नारदीगंज बाजार के अलावा रामे, कोशला, हंडिया, ओड़ो, कहुआरा, परमा, मसौढा समेत विभिन्न गांवों में श्रद्धालु महिलाएं ने भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की, साथ ही लोगों ने अपने घरों के अलावे मंदिरों में भगवान सत्यनारायण की पूजा- अर्चना कर कथा का श्रवण किया. मौके पर पंचामृत, शीतल प्रसाद के अलावे विभिन्न प्रकार का ऋतुफल को अर्पण किया. पूजा के उपरांत प्रसाद को ग्रहण कर लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया और ब्राह्मणों को दान दिया. सायंकाल में नदी व पोखर में श्रद्धालु महिलाओं ने दीप दान कर मन्नतें मांगीं.
रजौली : मंगलवार को गुरु पूर्णिमा को लेकर फुलवरिया डैम, धनार्जय नदी, जमुयांय नदी व खुरी नदी में स्नान करने को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गयी. रजौली ठाकुरबाड़ी के पंडित दिनेश पांडेय ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा को नदी स्नान करने से विशेष पुण्य मिलता है. पुराणों में इस दिन स्नान, व्रत व तप की दृष्टि से मोक्ष प्रदान करने वाला बताया. उन्होंने कहा कि भगवान विष्णु का पहला अवतार इसी दिन हुआ था. वे मत्स्य यानी मछली के रूप में अवतार लिए थे. इस दिन नदी स्नान का व दान करने का विशेष महत्व है.
अकबरपुर. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को विभिन्न नदी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. नदियों पर सुबह से श्रद्धालु स्नान करते देखे गये. स्नान को ले अकबरपुर दो मुहाना नदी के समीप सैकड़ों श्रद्धालुओं ने स्नान किया और मंदिर के समीप पूजा-अर्चना की. इस मौके पर अकबरपुर संगत में भी पूजा-अर्चना की गयी.
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