नवादा (सदर) : मुफस्सिल थाना क्षेत्र के नेया गांव निवासी शिवा सिंह द्वारा मंगलवार को अपने बेटे रंजन कुमार के अपहरण की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. इस मामले का गुरुवार को पटाक्षेप हो गया. सदर एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय के निर्देश पर डीआइयू की टीम सदस्य चंदन कुमार ने गुप्त सूचना के आधार पर तथाकथित अपहृत रंजन कुमार को न्यू एरिया स्थित एक मकान से बरामद किया है. पुलिस के समक्ष खुद रंजन ने कहा कि अपने काम से मैं हजारीबाग चला गया था.
मेरा मोबाइल फोन खराब हो जाने के कारण मैं घर में खबर नहीं कर सका. रंजन के गायब होने व उसके मोबाइल पर संपर्क नहीं होने के कारण उसके पिता ने अपहरण कर हत्या की आशंका की एफआइआर दर्ज करायी था. सदर एसडीपीओ ने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच में पाया कि रंजन व अजय (रोह के रतोई निवासी) ने एक जमीन रजिस्ट्री मंगलवार को करने के लिए पुरानी बाजार निवासी मनोज भगत से 15 लाख रुपये लिये थे. जमीन रजिस्ट्री नहीं करने पर मनोज भगत ने रंजन से 22 लाख रुपये की मांग की गयी थी. अजय कुमार ने किसी दूसरे से 25 लाख में उसी जमीन की रजिस्ट्री करने का सौदा कर रखा था. मनोज भगत से लिए पैसे नहीं लौटाने की नियत से रंजन व उसके पिता ने अपहरण की साजिश तैयार की थी.
पुलिस के समक्ष रंजन ने कहा कि हजारीबाग जाने के दौरान घरवालों से कोई संपर्क नहीं हुआ. आज ही पिता से बात हुई. एसडीपीओ संजय कुमार पांडेय ने बताया की रंजन की बरामदगी के बाद उसके पिता द्वारा दर्ज करायी गयी एफआइआर गलत हो गया है. आरोपी बनाये गये मनोज भगत के लिखित आवेदन पर इस मामले में रंजन के पिता शिवा सिंह, रंजन कुमार व सहयोगी अजय कुमार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.बाबा के ढावा के पास एक कट्ठा जमीन का होना था रजिस्ट्रीबाबा के ढावा के पास एक कट्ठा जमीन की रजिस्ट्री होनी थी. एक कट्ठा जमीन के लिए तीन बार दिये गये पांच-पांच लाख रुपये नहीं लौटाने व दूसरे को रजिस्ट्री किये जाने की गलत अवधारणा के कारण मनोज भगत व अजय कुमार को अपहरण कांड का आरोपी बनाया गया था. कांड के अनुसंधानकर्ता रवि पासवान ने बताया कि अब कांड ने नया मोड़ ले लिया है.