हिसुआ : रविवार की शाम कहरिया गांव के पास बस की धक्के से हुई पूजा की मौत के बाद सोमवार को सड़क जाम कर रहे परिजनों को पुलिस की लाठियां खानी पड़ी. हिसुआ राजगीर रोड पर जाम लगा रहे लोगों का आरोप है कि सख्ती से ताकत का प्रयोग करते हुए पुलिस उनको रास्ते से हटा दिया.
पुलिसकर्मियों ने महिलाओं के साथ र्दुव्यवहार किया. गौरतलब है कि रविवार की शाम पांचू तालाब निवासी महंगी चौधरी की बेटी पूजा (19) को हिसुआ-राजगीर एनएच 82 पर कहरिया गांव के समीप राजगीर की ओर से आ रही बस ने कुचल दिया था, जिससे उसकी मौत हो गयी थी.
इस दौरान थाने में लायी गयी लाश को आस-पास के लोग उठाने नहीं दे रहे थ़े काफी समझाने-बुझाने और मुआवजा देने के आश्वासन के वाद लाश उठने दिया, लेकिन परिजनों को किसी तरह का लाभ नहीं मिला और न मिलने की संभावना दिख रही है. बेहाल परिजनों ने सोमवार को अस्पताल मोड़ पर सड़क को जाम कर विरोध शुरू कर दिया.
जाम लगाने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने अमानवीय चेहरा दिखाया और मृतक की मां केसरी देवी सहित अन्य महिलाओं को र्दुव्यवहार कर वहां से हटा दिया. पुलिस की इस घटना का कम्युनिस्ट नेता रामयतन सिंह सहित अन्य ने इसकी निंदा की है. लोगों का कहना है कि अपनी बात रखने का हक सभी को है, कल उसकी बेटी की मौत पर पुलिस ने सहयोग का आश्वासन दिया, आज मारपीट कर भगाया जा रहा है. इधर, थानाध्यक्ष और पुलिस वालों का कहना है कि पीड़ित परिजन जाम नहीं लगा रहे थे कुछ असामाजिक तत्व के लोग कल से ही मामले को उलझा रहे हैं.
थानाध्यक्ष उमाशंकर ने बताया कि पुलिस के वहां पहुंचते ही महिलाएं पुलिस और उनके साथ र्दुव्यवहार करने लगी, आखिर में पुलिस को सख्ती से पेश आना पड़ा. व्यस्त सड़कों पर जाम हटाने व व्यवस्था दुरुस्त रखना भी हमारा काम है.