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तिलकुट व मस्का की मांग बढ़ी

तिलकुट व मस्का की मांग बढ़ी दिन रात कड़ी मेहनत कर तैयार किये जा रहे तिलकुट व मस्कापड़ोसी जिलों में है नवादा में बने मस्का की मांगसुधा दूध की अभी से हो रही बुकिंग फोटो-13प्रतिनिधि, नवादा (सदर)मकर संक्रांति के त्योहार की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है लोगों में खुशी बढ़ती जा रही है. त्योहार […]

तिलकुट व मस्का की मांग बढ़ी दिन रात कड़ी मेहनत कर तैयार किये जा रहे तिलकुट व मस्कापड़ोसी जिलों में है नवादा में बने मस्का की मांगसुधा दूध की अभी से हो रही बुकिंग फोटो-13प्रतिनिधि, नवादा (सदर)मकर संक्रांति के त्योहार की तिथि जैसे-जैसे नजदीक आ रही है लोगों में खुशी बढ़ती जा रही है. त्योहार को लेकर तिलकुट व मस्का बनाने का काम भी तेज हो गया है. तिलकुट-मस्का बनाने में जुटे कारीगर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. नवादा में तैयार किये गये मस्का की मांग पड़ोसी जिले नालंदा, गया, शेखपुरा व कोडरमा में भी होती है. इन जिलों में दोनों मिठाईयों के निर्माण को लेकर सदर प्रखंड के अकौना गांव में दर्जनों अस्थायी कारखाने खुल गये हैं. शहर के स्टेशन रोड, पुरानी बाजार, मेन रोड, भगत सिंह चौक, नगर थाना रोड आदि इलाकों में तिलकुट निर्माण को लेकर स्थायी व अस्थायी दुकानों में जोर-शोर से काम किया जा रहा है. खस्ता तिलकुट निर्माण के लिए प्रसिद्ध नवादा में प्रतिदिन क्विंटल के भाव में तिलकुट का सप्लाई दूसरे जिलों में होता है. गया के प्रसिद्ध तिलकुट को पछाड़ते हुए नवादा का व्यवसाय अपना अलग मुकाम बना रहा है. 220 रुपये से लेकर 280 रुपये किलो तक बिकने वाले तिलकुट का निर्माण हो रहा है. तिलकुल व्यवसाय से जुड़े कारीगर कन्हैया सिंह व राजेश कुमार कहते हैं कि नवादा के तिलकुट की मांग बढ़ी है. मांग के अनुसार, हम लोगों द्वारा उतना तिलकुट का निर्माण नहीं किया जा रहा है. मकर संक्रांति से पहले तिलकुट की खरीदारी के लिए अग्रिम बुकिंग की जाती है. मस्का का लगा चस्काअकौना गांव में बनने वाले तिलकुट की मांग पड़ोसी जिले नालंदा में काफी है. एक बार जिसको अकौना के बने मस्का का चस्का लगता है वह बार-बार इसको खाने के लिए दूर से चलकर यहां पहुंच रहे हैं. एक माह से मस्का निर्माण में जुटे कारीगरों का कहना है कि सोंधी खूशबू भरी मस्का की मांग बढ़ रही है. व्यवसाय से जुड़े कारीगर सुनील कुमार ने बताया कि सीतामढ़ी मेले से शुरू हुए मस्का की बिक्री सरस्वती पूजा तक होती है. शुद्ध गुड़ व चीनी से निर्मित अलग-अलग तरह की मस्का की मांग जोरो पर है. दिन-रात एक कर तैयार किये गये मस्के को दूसरे जिले में पहले सप्लाई किया जाता है, फिर नवादा वासियों के लिए तैयार किया जाता है. 60 हजार लीटर सुधा दूध आने की संभावना मकर संक्रांति के मौके पर दूध की बढ़ती मांग को देखते हुए लोगों द्वारा अभी से ही सुधा दूध की बुकिंग की जा रही है. 14 जनवरी को दूध के लिए मारामारी न हो इसको लेकर अभी से ही तैयारी की जा रही है. सुधा डेयरी की ओर से भी मकर संक्रांति के मौके पर दूध की कमी न हो इसको लेकर अभी से ही तैयारी की जा रही है. डेयरी की ओर से दो दिनों पहले से ही सुबह शाम दूध की पर्याप्त आपूर्ति किये जाने की बात कही गयी है. कंपनी द्वारा लोगों से कालाबाजारी में दूध नहीं खरीदने की अपील की गयी है. पर्याप्त मात्र में दूध की आपूर्ति किये जाने का भरोसा दिलाया गया है. सामान्य दिन आनेवाले 15 हजार लीटर दूध की बजाय मकर संक्रांति के मौके पर 60 हजार लीटर से भी अधिक दूध आने की बात कही गयी है. सुधा डेयरी के विक्रेता सोहन कुमार मंटू ने बताया कि कंपनी की ओर से पर्याप्त मात्रा में दूध की आपूर्ति होगी. इसके लिए लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है.

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