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यात्री टिकटों की बक्रिी में फिर आयी कमी

यात्री टिकटों की बिक्री में फिर आयी कमी टिकट जांच अभियान बंद होने के बाद रेलवे के आय में कमी जनसाधारण काउंटर भी यात्रियों का कर रहा इंतजारफोटो-10प्रतिनिधि, नवादा (सदर)पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर डिविजन के किऊल-गया रेल खंड उपेक्षा का शिकार बना है. विभाग को लग रहे चपत के लिए यात्रियों के साथ-साथ विभागीय […]

यात्री टिकटों की बिक्री में फिर आयी कमी टिकट जांच अभियान बंद होने के बाद रेलवे के आय में कमी जनसाधारण काउंटर भी यात्रियों का कर रहा इंतजारफोटो-10प्रतिनिधि, नवादा (सदर)पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर डिविजन के किऊल-गया रेल खंड उपेक्षा का शिकार बना है. विभाग को लग रहे चपत के लिए यात्रियों के साथ-साथ विभागीय अधिकारी भी कम जिम्मेवार नहीं है. बेटिकट यात्रियों के खिलाफ समय-समय चलाये गये अभियान के थमते ही एक बार फिर से नवादा स्टेशन पर यात्री टिकटों की बिक्री में काफी कमी आयी है. तीन दिनों पहले ही रेलवे की विशेष जांच टीम द्वारा चलाये गये छापेमारी अभियान से रेलवे के मुख्य काउंटर के साथ-साथ जनसाधारण काउंटर पर भी यात्रियों की काफी भीड़ दिखी. अभियान समाप्ति के साथ ही नवादा रेलवे स्टेशन का टिकट काउंटर फिर से सुनसान हो गया है. एक सप्ताह के दौरान विभाग को लाखों रुपये रेल टिकट बिक्री से प्राप्त हुआ था. जबकि, इन दिनों टिकट बिक्री से विभाग को काफी कम इनकम हो रहा है. जबकि, दानापुर मंडल में पीआरएस टिकट की बिक्री में नवादा का नंबर वन स्थान है. वहीं, अनारक्षित टिकट की बिक्री नगन्य हो गया है. ऐसे में रेलवे के इनकम प्रभावित होना लाजमी है. नवादा में टिकट जांच के लिए टीटीइ की बहाली स्थायी रूप से नहीं होने व पैसेंजर ट्रेनों में रनिंग टीटीइ नहीं होने के कारण ही बेटिकट यात्री धड़ल्ले से यात्रा करते हैं. जैसे ही टिकट जांच अभियान की शुरुआत होता है, टिकटों की बिक्री काफी बढ़ जाती है. एक सप्ताह के दौरान रेलवे को जितनी अनारक्षित टिकटों की बिक्री से आमदनी हुए वह पिछले तीन महीनों की बिक्री से भी अधिक है. समय से नहीं चलती ट्रेनेंकिऊल-गया रेलखंड में सात जोड़ी पैसेंजर व दो जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं. एक्सप्रेस ट्रेन में गया-हावड़ा व हावड़ा से गया प्रतिदिन चलती है. मंगलवार को सप्ताह में एक दिन अप व डाउन गया-कामख्या एक्सप्रेस गुजरती है. इस मार्ग पर सात जोड़ी पैसेंजर ट्रेनें चलती है. परंतु, कभी भी कोई ट्रेन अपने निर्धारित समय पर नहीं चलती है. कभी-कभी तो ट्रेन के इंतजार में दो से चार घंटे तक यात्री स्टेशन पर ही गुजार देते हैं. किऊल-गया रेलखंड उपेक्षा की श्रेणी में देखा जाता है. गया से सभी एक्सप्रेस व सवारी ट्रेनों को छोड़ने के बाद ही इस रेलखंड के लिए ट्रेनों को रवाना किया जाता है. ट्रेन में बैठे यात्री ट्रेन खुलने का इंतजार गया में करते है. इसी तरह के हालात किऊल में भी इस मार्ग के ट्रेनों के साथ देखने को मिलता है. बेटिकट यात्री अधिक रेलवे द्वारा चलाये गये अभियान से अनारक्षित टिकटों की बिक्री काफी हुई थी. जांच का भय नहीं रहने से लोकल ट्रेनों में यात्रा करनेवाले लोग बगैर टिकट के ही यात्रा करते है. स्थायी रूप से टिकट जांच होने पर विभाग के आय में वृद्धि हो सकती है. आइडी चौधरी, स्टेशन अधीक्षक, नवादाविभागीय अधिकारियों का ध्यान नहींकिऊल-गया रेलखंड वर्षों से उपेक्षित है. इस मार्ग पर विभागीय अधिकारियों का भी ध्यान नहीं है. कभी-कभी टिकट चेकिंग के बजाय निरंतर गति से जांच किया जाये, तो रेलवे की आय में अवश्य ही वृद्धि हो सकती है. नवादा स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को बढाने की भी आवश्यकता है. ब्रजेश कुमार राय, अध्यक्ष, दैनिक यात्री संघ

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