स्कूल जायेंगे अनामांकित बच्चेजनवरी 2015 के बाल पंजी के अनुसार जिले में 9410 बच्चों स्कूलों से बाहर आवासीय प्रशिक्षण केंद्र बनाकर पढ़ाया जायेगा शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सभी जोड़ा जाना है स्कूलों से प्रतिनिधि, नवादा (नगर)जिले में अब स्कूलों में नामांकन नहीं कराने वाले बच्चों को स्कूलों से जोड़ने के लिए कवायद तेज हो गयी है. जिले में जनवरी, 2015 में कराये गये बाल पंजी के अनुसार कुल 9410 बच्चें ऐसे थे, जो अब तक स्कूल से नहीं जुड़े थे. छह से सात वर्ष तक के अनामांकित बच्चों को सीधे स्कूलों में दाखिला दिलवाया जा रहा है. जबकि, आठ से 10 वर्ष तक के बच्चों को नन रेसिडेंसियल स्पेशल सेंटर के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है. वहीं 11 से 14 वर्ष तक के बच्चों को विशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र के माध्यम से शिक्षित किया जायेगा. वित्तीय वर्ष 2015-16 में कुल 17 विशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र (आरएसटी) के माध्यम से 11 से 14 वर्ष तक के 885 अनामांकित बच्चों को नौ महीने तक प्रशिक्षण दिया जायेगा. जल्द ही शुरू होगा प्रशिक्षण केंद्रसर्वशिक्षा अभियान के तहत विशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र की शुरुआत जल्द ही जिले में होगी. जिले में आरएसपी के नौ केंद्र चल रहे हैं. इसे समय समाप्त होने के बाद बंद कर दिया गया है. नये बजट सत्र में 17 आरएसटी केंद्रों का संचालन किया जाना है. इसके लिए डीएम की अध्यक्षता वाले जिला कार्यकारिणी समिति की अनुमति मिलने की देर है. केंद्र संचालन के लिए प्रखंडों का चयन किया जाना है. फिलहाल मंजौर, बैजनाथपुर, रोह, फुलडीह, फरहा, लोदीपुर, राजपुर, गोविंदपुर जैसे प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में खेल शुरू किये जाने पर विचार किया जा रहा है. नौ माह के लिए चलेगा केंद्रविशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र का संचालन नौ महीने के लिए किया जायेगा. इसमें 11 से 14 वर्ष के बच्चे अब तक किसी स्कूल से नहीं जुड़ पाये हैं. उन्हें ऐसी शिक्षा दी जायेगी, जो उम्र के सापेक्ष किसी विद्यालय में एडमिशन लेने के काबिल हो जाये. जिले में ऐसे 17 केंद्र शुरू किये जाने हैं. सभी केंद्रों पर 50-50 बच्चों के रहने, खाने व पढ़ाई की व्यवस्था होगी. एक केंद्र पर खर्च होंगे सात लाख से अधिकविशेष आवासीय प्रशिक्षण केंद्र के संचालन में खर्च होनेवाले राशि के लिए आवंटन सर्वशिक्षा अभियान द्वारा किया जाता है. नौ महीने तक चलने वाले इस केंद्र के संचालन के लिए लगभग सात लाख 14 हजार रुपये खर्च होते है. केंद्र का चयन होने के बाद बजट में तय की गयी राशि केंद्रों को उपलब्ध करा दी जायेगी. हो रहा प्रचार-प्रसार अनामांकित बच्चों को विद्यालय से जोड़ने के लिए प्रचार-प्रसार सहित अन्य कार्य किये जा रहे हैं. सभी बच्चों को शिक्षा से मुख्य धारा से जोड़ने के लिए अभियान चलाया गया है. आरएसटी के माध्यम से 11 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा देने की व्यवस्था की जा रही है. सुरेंद्र कुमार, जिला समन्वयक
स्कूल जायेंगे अनामांकित बच्चे
स्कूल जायेंगे अनामांकित बच्चेजनवरी 2015 के बाल पंजी के अनुसार जिले में 9410 बच्चों स्कूलों से बाहर आवासीय प्रशिक्षण केंद्र बनाकर पढ़ाया जायेगा शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सभी जोड़ा जाना है स्कूलों से प्रतिनिधि, नवादा (नगर)जिले में अब स्कूलों में नामांकन नहीं कराने वाले बच्चों को स्कूलों से जोड़ने के लिए कवायद तेज […]
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