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200 एकड़ से घट 74 एकड़ में सिमटा
जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर उत्तर-पूरब में गुप्तकालीन राजा आदित्य सेन ने पत्नी कोण देवी की तपस्या को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए अपसढ़गढ़ गांव में दो सौ एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में तालाब की खुदाई करायी थी. अपसढ़गढ़ गांव में सैरोदह सरोवर जिलेवासियों के लिए ही नहीं, दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों […]
जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर उत्तर-पूरब में गुप्तकालीन राजा आदित्य सेन ने पत्नी कोण देवी की तपस्या को निर्बाध रूप से जारी रखने के लिए अपसढ़गढ़ गांव में दो सौ एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में तालाब की खुदाई करायी थी.
अपसढ़गढ़ गांव में सैरोदह सरोवर जिलेवासियों के लिए ही नहीं, दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना है. अपसढ़गढ़ गांव का ऐतिहासिक अभिलेख 1847 में मेजर मारखम द्वारा पाया गया. उत्तरकालीन गुप्तकाल में 12 प्रतापी राजा हुए. इसमें श्री कृष्ण गुप्त, श्री हर्ष गुप्त, श्री जीवित गुप्त, श्री दामोदर गुप्त, हर्ष देव व श्री आदित्य सेन गुप्त प्रमुख थे. इसमें सबसे प्रतापी राजा आदित्य सेन गुप्त थे. उत्तरकालीन गुप्त की राजधानी राजगृह थी, लेकिन गुप्तकाल की धार्मिक व सांस्कृतिक राजधानी अपसढ़ गढ़ ही थी.
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