नवादा : शहरी क्षेत्र में स्वच्छता अभियान पूरी तरह से चरमरा गयी है. पिछले पांच दिनों की हड़ताल पर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के बाद पूरा शहर कचरे की ढेर में तब्दील हो गयी. हालांकि हड़ताल स्थगित होने पर नप ने जेसीबी से सफाई में तेजी लाने का प्रयास तो किया है. लेकिन, संतोष जनक सफाई नहीं हो पा रही है.
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हड़ताल खत्म होने के बाद भी शहर की सफाई राम भरोसे
नवादा : शहरी क्षेत्र में स्वच्छता अभियान पूरी तरह से चरमरा गयी है. पिछले पांच दिनों की हड़ताल पर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के बाद पूरा शहर कचरे की ढेर में तब्दील हो गयी. हालांकि हड़ताल स्थगित होने पर नप ने जेसीबी से सफाई में तेजी लाने का प्रयास तो किया है. लेकिन, संतोष जनक सफाई नहीं […]
इस पर यही कहा जा सकता है कि शहर की सफाई राम भरोसे ही है. सड़कों पर बने कचरा प्वाइंटों से ही प्रमुखता के आधार पर कचरे उठाये जा रहे हैं. इसके बाद सड़कों पर बरसात के पानी से पड़े कचरे अब कीचड़ में तब्दील हो चुका है. हालात यह हो गयी है कि सड़क पर चलना आम नागरिकों के लिए मुश्किल हो गया है. गलियों में भी सफाई का आलम दुरुस्त नहीं है.
एजेंसियों ने विभाग से की जांच की मांग: जिला मुख्यालय स्थित नगर पर्षद क्षेत्र में सफाई को लेकर एजेंसी को दिये जाने का फैसला लिया गया है. इसके लिए आठ एजेंसियों ने सफाई के लिए टेंडर डाला.
परंतु उनमें एक ऐसे एजेंसी का चयन कर लिया गया, जिसके क्रियाकलाप से लोग नाखुश हैं. इस बात को लेकर अन्य सभी एजेंसी के लोगों ने पटना नगर विकास एवं आवास विभाग को लिखित शिकायत कर गलत तरीके से एजेंसी का चयन करने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं नप कार्यालय नवादा को भी लिखित आवेदन देकर उसे रद्द करने की मांग की है.
क्या कहते हैं वार्ड पार्षद
मुख्य पार्षद के मनमानी से शहर में सफाई व्यवस्था अब तक चरमरा गयी है. डोर-टू-डोर कचरा उठाने का सब्ज बाग दिखा कर लोगों को ठगने का काम कर रही है. पूरा शहर गंदगी के ढेर पर होने का कड़वा सच को कोई छिपा नहीं सकता है. नगर पर्षद के मुख्य पार्षद नियमों के विरुद्ध काम करना चाह रही है.
शिल्पी कुमारी पार्षद, वार्ड- 22
सफाई के संसाधनों के हिसाब से सफाई का काम बखूबी चल रहा है. पूरे बिहार में जब सफाई कर्मियों की हड़ताल हो गयी, तो इसमें नगर पर्षद क्या कर सकती है. हड़ताल टूटते ही इलाके में सफाई का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है. सफाई में आम नागरिकों के सहयोग की भी जरूरत है. सफाई पूरी तरह से दुरुस्त नहीं हो पायेगा.
रंजीत कुमार पार्षद, वार्ड- 11
क्या कहते हैं नप अधिकारी
सफाई को लेकर नप में जितनी संसाधन है उसके हिसाब से प्रयास जारी है. हड़ताल टूटा है, सफाई में तेजी लायी गयी है. दो-तीन दिनों में पूरा शहर साफ करा दिया जायेगा. एजेंसी के चयन को लेकर विवाद गहराया हुआ है. दूसरे एजेंसियों ने पटना विभाग को इसकी शिकायत की है. इसके तहत इसमें जांच करने विभाग खुद आयेगा. इसके अलावा एजेंसियों ने नप कार्यालय को भी लिखित आवेदन दिया है, जब तक विभागीय जांच पूरी नहीं हो जाती है, तब तक चयनित एजेंसी का चयन नहीं माना जायेगा.
देवेंद्र सुमन, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पर्षद, नवादा
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