विरोध. बोर्ड के फैसले को दरकिनार करने पर की हड़ताल
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लोगों को कचरे के ढेर पर छोड़ गये सफाई कर्मचारी
विरोध. बोर्ड के फैसले को दरकिनार करने पर की हड़ताल स्थायी करने व सातवें वेतनमान की मांग पुराने बोर्ड ने स्थायी करने का प्रस्ताव किया था पास बजबजा रहीं नालियां सड़कों पर फैली ‘बीमारी’ नवादा नगर : शहर के लोगों को गंदगी, जलजमाव व बदबू के बीच छोड़ कर नगर पर्षद के सफाईकर्मी हड़ताल पर […]
स्थायी करने व सातवें वेतनमान की मांग
पुराने बोर्ड ने स्थायी करने का प्रस्ताव किया था पास
बजबजा रहीं नालियां सड़कों पर फैली ‘बीमारी’
नवादा नगर : शहर के लोगों को गंदगी, जलजमाव व बदबू के बीच छोड़ कर नगर पर्षद के सफाईकर्मी हड़ताल पर चले गये. उनका कहना है कि उनकी मांगों पर सरकार सकारात्मक रुख नहीं अपना रही है. सरकारी कारिंदे उनकी मांगों को अनदेखी कर रहे हैं. इसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया है. कर्मियों के इस निर्णय से सड़कों पर कचरा डंप है और नालियां बजबजा रही हैं. दो दिनों से रुक-रुक हो रही बारिश के चलते क्षेत्र की स्थिति नारकीय हो गयी है. हाल यह है कि लोगों को घरों से निकलने में भी दिक्कत हो रही है. जानकारी के मुताबिक शनिवार व रविवार को सफाई कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं आये थे.
इसको लेकर नप अधिकारियों का कहना है कि उन्हें हड़ताल की कोई सूचना नहीं थी़ उन्हें ऐसा लगा कि शनिवार को बारिश के चलते लोग नहीं आये हैं और रविवार को अक्सर कई लोग ड्यूटी पर आते हैं, तो कई लोग नहीं आते. इस परिस्थिति में कुछ अंदाजा लगाना मुश्किल था. सोमवार को एकाएक लोगों ने हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी़
सफाईकर्मियों की हड़ताल के कारण बरसात में सफाई की व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ गयी है. शहर की सड़कों व नालियों की सफाई नहीं हो रही है. नगर पर्षद अध्यक्ष पूनम कुमारी, उपाध्यक्ष जमील अख्तर, बोर्ड के सदस्य, समाजसेवी रवि चंद्रवंशी सहित विभाग के अधिकारी भी सफाईकर्मियों से बातचीत कर काम पर लौटने की अपील कर रहे हैं. व्यवस्था में सुधार के लिए अधिकारी व बोर्ड के सदस्य परेशान दिखे. उन्होंने कर्मचारियों से कहा है कि उनकी मांगों पर सकारात्मक कदम उठाये जायेंगे़ सफाईकर्मियों की मांगों को मानना बोर्ड व नप अधिकारियों के लिए आसान नहीं होगा.
सफाई का काम नगर पर्षद की प्राथमिकताओं में शामिल है. यह सफाईकर्मियों के बगैर संभव नहीं है. वेतन बढ़ाने सहित अन्य मांगों को पूरा करने का विचार हुआ, तो विभाग पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा. स्थायी करने की मांग को पूरा कर पाना बोर्ड व अधिकारी के स्तर पर संभव नहीं है. इन मांगों को पूरा करने के लिए नगर विकास विभाग से मंजूरी की आवश्यकता पड़ेगी.
अनुकंपा व पेंशन का लाभ देने की मांग
शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ गयी है. सफाईकर्मियों की हड़ताल के कारण शहर की सूरत बिगड़ गयी है. स्थायीकरण, सातवें वेतनमान,अनुकंपा, रिटायरमेंट व पेंशन का लाभ देने जैसी मांगों को लेकर नगर पर्षद में काम करनेवाले सफाईकर्मी ऑफिस नहीं आ रहे हैं. इन मांगों को लेकर पहले भी हड़ताल की जा चुकी है. पिछली बार हड़ताल के बाद पुराने बोर्ड के द्वारा सफाईकर्मियों को स्थायी करने का फैसला पारित किया गया था, लेकिन तकनीकी कारणों से नगर विकास विभाग ने ऐसा करने से मना कर दिया. इससे नाराज सफाईकर्मी इसी मांग को लेकर फिर हड़ताल पर चले गये हैं.
नया बोर्ड गठन होने के बाद साफ-सफाई का काम सही से शुरू भी नहीं हो पायी थी कि सफाईकर्मियों ने ही काम करने से मना कर दिया़ बरसात के बाद नालियों का पानी सड़कों पर जमा गया है. कई स्थानों पर नालियों से निकाला गया कचरा सड़कों पर ही पसरा था, जो बारिश आने पर दोबारा नालियों में चला गया.
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