कुरान की आयतों में खोये नन्हा तौफिक व मरियम परवीन
वारिसलीगंज शहर की पोस्ट ऑफिस गली निवासी शमीमा खातून के पोते तौफिक व नतनी (नवासी) मरियम परवीन ने कम उम्र में ही रोजा रखना शुरू कर दिया है. शमीमा बताती हैं कि तौफिक व परवीन को रोजा रखने का शौक था. दोनों की उम्र को देखते हुए घर के लोगों ने इसकी इजाजत नहीं दी. लेकिन, इस बार इसकी जिद की वजह से लोगों ने हामी भर दी. तौफिक व परवीन को वो सारी बातें बतायी गयी हैं, जो रोजे के वक्त जरूरी होती है.
जैसे टीवी नहीं देखना, किसी को गाली नहीं देना आदि. तौफिक व परवीन को कुरान पढ़ना भी सिखाया है. दोनों किसी बात पर बहुत जल्द ध्यान देते हैं. पिछले बार रमजान में ये दोनों ने रोजा रखने की कोशिश की थी. उस दिन दोनों की पसंद का शाही टुकड़ा बनाया था, इसकी लालच में उसने अपना रोजा तोड़ दिया. इस बार ऐसा नहीं हुआ. रोजे में प्रत्येक दिन दोनों के लिए इफ्तार में पसंद का ब्रेड रोल, पनीर कटलेट,आलू के समोसे आदि बनते हैं. शमीमा बताती हैं कि सुबह-सुबह सेहरी के वक्त दोनों उठ जाते हैं. दिनभर कुरान पढ़ने के बाद शाम होते ही सबके साथ बैठ कर इफ्तार करते हैं.