तीन प्रधानों से जवाब-तलब
बच्चों की कम उपस्थिति के बाद भी बन रही अधिक छात्रों की उपस्थिति
जांच के बाद हुआ मामले का खुलासा
दो स्कूलों से एमडीएम की राशि करीब एक लाख वसूलने का आदेश
बिहारशरीफ : मिड डे मील की राशि हड़पने के उद्देश्य से इन दिनों जिले के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में अटेंडेंस घोटाला किया जा रहा है. कम उपस्थिति रहने के बाद भी स्कूलों में प्रधानों द्वारा सभी छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बना दी जाती है. स्कूलों के प्रधानों द्वारा यह घपला मिड डे मील की राशि हड़पने के लिए किया जा रहा है.
जिले के कुछ स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील कहीं एकता शक्ति फाउंडेशन द्वारा मुहैया कराया जाता है. जबकि जिले में बड़ी संख्या में वैसे भी स्कूल हैं, जहां विद्यालय द्वारा खाना तैयार किया जाता है. जिन विद्यालयों में मिड डे मील तैयार किया जाता है. वैसे स्कूलों के प्रधानों द्वारा ही इस प्रकार का घोटाला किया जा रहा है़
इसका उद्भेदन उस समय हुआ जब एमडीएम के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने कई स्कूलों का औचक निरीक्षण किया. एमडीएम डीपीओ ने 30 दिसंबर व चार जनवरी को मिले के पांच स्कूलों का निरीक्षण किया. 30 दिसंबर को एमडीएम के डीपीओ ने रहुई प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय भागन बिगहा का निरीक्षण किया. जबकि चार जनवरी 2016 को उन्होंने गिरियक प्रखंड के मध्य विद्यालय आदमपुर व मध्य विद्यालय जीवलाल बिगहा का औचक निरीक्षण किया.
इस दौरान इस तरह की अनियमितता पायी गयी है. इसके पूर्व भी मिड डे मील के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने हिलसा प्रखंड के कन्या मध्य विद्यालय मई एवं रहुई प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय वेना की जांच की थी. इस जांच के दौरान भी विद्यालय में बच्चों की वास्तविक संख्या से अधिक उपस्थिति दर्ज पायी गयी थी. इस अनियमितता के आरोप में एमडीएम डीपीओ इन स्कूलों से जवाब तलब किया गया था. जवाब संतोष जनक नहीं रहने के बाद डीपीओ ने कन्या मध्य विद्यालय मई से 87 हजार 743 रुपये और उत्क्रमित मध्य विद्यालय वेना (मोरा) से 15 हजार 894 रुपये की वसूली करने का आदेश दिया है.
राशि जमा नहीं करने की स्थिति में इन स्कूलों के प्रधानों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जायेगी. मिड डे मील ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने बताया कि उनके द्वारा अभी हाल में पांच स्कूलों की जांच की गयी है. इन सभी स्कूलों में भी इसी तरह की शिकायत पायी गयी है.
उन्होंने बताया कि सभी स्कूलों के प्रधानों से जवाब-तलब किया गया है. जवाब मिलने के बाद असंतोष जनक जवाब रहने पर उनके खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि फिलहाल दो स्कूलों के प्रधानों से करीब एक लाख से अधिक राशि वसूल करने का आदेश निर्गत किया गया है.