बिहारशरीफ : राज्य स्तर पर संगठित अपराध की खात्मे की बात को झूठा साबित करते हुए अपराधियों ने पेशेवर अंदाज में संगठित अपराध की लकीर खींच कर पूरे प्रदेश में तहलका मचा दिया.
शुक्रवार को शहर के अति व्यस्त इलाके में शुमार सोहसराय चौक के पास स्थित केनरा बैंक में धावा बोल कर 42.77 लाख जैसी बड़ी रकम को लूट कर बड़े ही आराम से निकल गये.
इस भीषण लूट की घटना के
बाद भले ही नालंदा पुलिस सकते में आ गयी हो,लेकिन अपराधियों का यह हौसला पुलिस की उन दावों को खोखला साबित करता है,जिसमें सुरक्षा को लेकर बड़ी-बड़ी बातें पुलिस के आला अधिकारियों ने कही थी.
सोहसराय थाने से महज दस गज की दूरी पर स्थित केनरा बैंक में जिस अंदाज में अपराधियों ने एक बड़ी लूट की घटना को अंजाम दिया वह पूरी तरह प्रोफेशनल था.
नहीं चलायी गोलियां,दहशत फैला कर दिया घटना को अंजाम : करीब 35 से 40 वर्ष के महज चार पेशेवर अपराधियों ने भीषण लूटपाट के इस वारदात में गोलियां नहीं चलायी.हथियार के बल पर बैंक में कार्यरत एक महिला बैंक कर्मी सहित पांच बैंकर्स को कवर कर घटना को अंजाम दिया.बैंक का चपरासी रवि कुमार बताता है कि अपराधियों ने उसके साथ मारपीट की थी.
बैंक के ग्राउंड फ्लोर पर करीब दस दुकानें हैं,जो समय से खुल गयी थी.
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक दुकानदार बताता है हम सबों को बैंक लूट की जानकारी घटना के काफी देर बाद तब पता चला,जब उपर से तेज आवाज आनी लगी.यह तेज आवाज उन बैंकर्स के थे,जिन्हें अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद बैंक के स्ट्रांग रूप में बंद कर चले गये थे.
स्ट्रांग रूम खोलने की जानकारी थी अपराधियों को : अमूमन बैंक का स्ट्रांग रूम बगैर जानकारी के कोई साधारण व्यक्ति नहीं खोल सकता है.अपराधियों को स्ट्रांग रूम के संबंध में काफी जानकारी थी.बैंक के प्रभारी प्रबंधक से चाबी लेने के बाद अपराधियों ने स्ट्रांग रूम को तत्काल खोल कर उसमें रखे सारे रुपये एक बैग में भर कर चलते बने.
नेचर ऑफ क्राइम पर एक नजर : आधुनिक अनुसंधान से बचने को लेकर अपराधी पहले से माइंड इट थे.बैंक में लगे सभी तरह के आधुनिक उपकरण को खोलने के बाद अपराधियों ने अपनी एक विशेष चाल घटनास्थल पर चली,जिसमें वह कामयाब भी रहे.लूट की घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी सभी बैंकर्स को बैंक के स्ट्रांग रूम में बंद कर उसकी चाबी वहीं फेंक कर फरार हो गये थे.
क्राइम एक्सपर्ट की राय है कि आधुनिक अनुसंधान से खुद को बचाने को लेकर अपराधियों ने ऐसा किया.
क्राइम एक्सपर्ट की राय है कि जिस स्ट्रांग रूम का प्रयोग लूट के वास्ते खोला गया,उसमें अपराधियों के फिंगर प्रिंट प्रत्यक्ष रूप से आ गये.
अपराधियों ने अपने फिंगर प्रिंट को स्ट्रांग रूम के लॉकर प्वाइंट से हटाने को लेकर ही बैंकर्स को उसमें बंद कर उसकी चाबी वहीं पर फेंक दी.बाद में बैंकर्स को स्ट्रांग रूम से निकालने को लेकर किसी दूसरे द्वारा स्ट्रांग रूम को खोला गया.
ऐसी चाल कोई पेशेवर व जानकार अपराधी ही कर सकता है.
बैंक में नहीं थी सुरक्षा की व्यवस्था : सोहसराय चौक पर पिछले वर्ष केनरा बैंक ने अपनी दूसरी शाखा खोली थी.बैंक को कई तरह के आवश्यक डिवाइस से जोड़ा गया था,लेकिन सुरक्षा के नाम पर एक भी सुरक्षा कर्मी की नियुक्ति नहीं की गयी थी.
सोहसराय इंस्पेक्टर भी थे अवकाश पर, नहीं निकली थी सुबह की गश्ती :
सोहसराय इंस्पेक्टर ज्योति प्रकाश भी अवकाश पर थे.
बताया जाता है कि सोहसराय थाने से निकलने वाली सुबह की गश्ती समय पर नहीं निकली थी.नियमत: सभी थाना पुलिस बैंक ड्यूटी को लेकर गश्ती के दौरान बैंक का निरीक्षण करते हैं,एवं बैंक में रखे रजिस्टर पर निरीक्षण को अंकित करते हैं.शुक्रवार को इस तरह की कोई कार्रवाई स्थानीय थाना पुलिस द्वारा नहीं किया गया था.