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जिले की दूसरा कॉमर्शियल वर्मी कंपोस्ट यूनिट मेयार में होगा
प्रतिवर्ष 3700 मीटरिक टन होगा वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन रासायनिक उर्वरकों के उपयोग पर किसानों की निर्भरता कम करने तथा जैविक उर्वरक को बढ़ावा देने के लिए जिले में दूसरा वर्मी कंपोस्ट की कॉमर्शियल यूनिट की स्थापना की जा रही है. नूरसराय के मेयार गांव में स्थापित हो रहा यह यूनिट जिला का दूसरा वर्मी […]
प्रतिवर्ष 3700 मीटरिक टन होगा वर्मी कंपोस्ट का उत्पादन
रासायनिक उर्वरकों के उपयोग पर किसानों की निर्भरता कम करने तथा जैविक उर्वरक को बढ़ावा देने के लिए जिले में दूसरा वर्मी कंपोस्ट की कॉमर्शियल यूनिट की स्थापना की जा रही है. नूरसराय के मेयार गांव में स्थापित हो रहा यह यूनिट जिला का दूसरा वर्मी कंपोस्ट का कॉमर्शियल यूनिट होगा. इसके पूर्व हरनौत प्रखंड के नोहुसा गांव में वर्मी कंपोस्ट की कॉमर्शियल यूनिट स्थापित हो चुकी है.
बिहारशरीफ/नूरसराय. प्रति वर्ष 3700 मीटरिक टन उत्पादन क्षमता की वर्मी कंपोस्ट की कॉमर्शियल यूनिट दूसरी इकाई जिले के नूरसराय प्रखंड के मेयार गांव में स्थापित की जा रही है. 40 लाख की लागत से बन रहे इस वर्मी कंपोस्ट की कॉमर्शियल यूनिट पर कृषि विभाग द्वारा करीब 20 लाख रुपए अनुदान के रूप में दिये जायेंगे. जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने में हरनौत के नोहुसा के बाद नूरसराय के मेयार गांव में स्थित वर्मी कंपोस्ट की यह कॉमर्शियल यूनिट काफी मददगार साबित होगी. इसके माध्यम से किसानों के वर्मी कंपोस्ट की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी.
डायरेक्टर ने जारी किया उत्पादन का लाइसेंस
कृषि विभाग के डायरेक्टर ने नूरसराय के मेयार में स्थापित हो रहे इस वर्मी कंपोस्ट यूनिट के लिए उत्पादन का लाइसेंस निर्गत कर दिया है. यूनिट को अभी मार्केटिंग का लाइसेंस निर्गत नहीं किया गया है. उत्पाद की गुणवत्ता की मानक के अनुसार जांच के बाद विभाग द्वारा इस यूनिट को विपणन का लाइसेंस निर्गत किया जायेगा.
बाजार से खरीदा जा रहा गोबर
प्रारंभिक अवस्था में इस यूनिट में ट्रायल के रूप में उत्पादन शुरू हो गया है. करीब 800 से 1000 क्विंटल वर्मी कंपोस्टर का उत्पादन हो चुका है. इसके लिए गोबर की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर ही की जा रही है. इसके अलावा बाजार से भी गोबर की खरीद की जा रही है. कच्चे गोबर का तापमान कम हो जाने के कारण उसे पिट में लोड किया जाता है. पिट में गोबर 20 दिन हो जाने के बाद उसमें केंचुआ डाल दिया जाता है.
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
वर्मी कंपोस्ट की इस यूनिट की स्थापना हो जाने पर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे. इस यूनिट में करीब 14-15 लोगों की जरूरत पड़ेगी.
समेकित कृषि भी व्यवस्था
इस वर्मी कंपोस्ट यूनिट के पास ही 10 कट्ठा में तालाब में मछली पालन का कार्य किया जायेगा. इसके अलावा वर्मी कंपोस्ट यूनिट के आस पास दो हेक्टेयर में जी-9 केला की खेती की जा रही है.
‘‘’कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं में पूर्व से इनपुट की सप्लाई कर रहे हैं. इन इनपुटों में वर्मी कंपोस्ट भी शामिल है. अब तक वर्मी कंपोस्ट दूसरी जगह से खरीदना पड़ रहा था. हरनौत के नेहुसा गांव में स्थापित वर्मी कंपोस्ट की व्यवसायिक यूनिट से प्रेरणा लेकर मेयार में यह यूनिट की स्थापना कर रहे हैं.’’
सुनील कुमार, प्रोपराइटर, वर्मी कंपोस्ट यूनिट, मेयार
‘‘रासायनिक उर्वरक पर से किसानों की निर्भरता कम करने के उद्देश्य से नेहुसा के बाद मेयर गांव में वर्मी कंपोस्ट की व्यावसायिक यूनिट की स्थापना कराई जा रही है. इस यूनिट के व्यवसायिक उत्पादन के लिए कृषि विभाग के डायरेक्टर द्वारा लाइसेंस निर्गत कर दिया गया है. जल्द ही मार्केटिंग लाइसेंस भी मिल जाने की उम्मीद है.’’
बैद्यनाथ रजक, जिला कृषि पदाधिकारी, नालंदा
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