दवा का हुआ क्रय,जिले के अस्पतालों को उपलब्ध करायी गयी दवा
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जेइ के रोगियों को इलाज में होगी सहूलियत
दवा का हुआ क्रय,जिले के अस्पतालों को उपलब्ध करायी गयी दवा बिहारशरीफ. संक्रामक व जानलेवा रोग जापानी इंसेफलाइटिस से बचाव के लिए ठोस कदम उठाया गया है. संक्रमित बच्चों का इलाज सही ढंग व समय पर इसके लिए मुकम्मल तौर पर व्यवस्था की गयी है.बेहतर चिकित्सा सेवा चिह्नित रोगियों को उपलब्ध करायी जा सके, इसके […]
बिहारशरीफ. संक्रामक व जानलेवा रोग जापानी इंसेफलाइटिस से बचाव के लिए ठोस कदम उठाया गया है. संक्रमित बच्चों का इलाज सही ढंग व समय पर इसके लिए मुकम्मल तौर पर व्यवस्था की गयी है.बेहतर चिकित्सा सेवा चिह्नित रोगियों को उपलब्ध करायी जा सके, इसके लिए जीवनरक्षक दवा का क्रय किया गया है. जिला मलेरिया विभाग की ओर से जेइ रोग के इलाज के लिए कई तरह की आवश्यक दवाओं की खरीदारी की गयी है. ताकि मरीजों का इलाज के साथ-साथ डॉक्टरों के परामर्श के अनुसार सुलभ तरीके से संबंधित रोगियों को उपलब्ध करायी जा सके. जिला स्वास्थ्य विभाग इस रोग पर काबू पाने के लिए पूरी तरह से सजग है.
अस्पतालों को उपलब्ध करायी गयी दवा : संदिग्ध व चिह्नित होने वाले जेइ के रोगियों का इलाज सटीक तौर पर हो इसके लिए जिले के हरेक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,रेफरल,अनुमंडलीय अस्पतालों को जेइ की दवा उपलब्ध करा दी गयी है. जिला मलेरिया विभाग की ओर से उक्त दवा का क्रय किया गया था. खरीदी गयी दवाओं को जिला मलेरिया विभाग की ओर से उक्त अस्पतालों में दवा भेजी गयी है. जिला मलेरिया पदाधिकारी ने पीएचसी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस रोग से संक्रमित लोगों को जरूरत के अनुसार जीवनरक्षक दवा सहज रूप से उपलब्ध करायेंगे. साथ ही संदिग्ध मरीजों पर नजर रखेंगे. मरीज प्रतिवेदित होने पर इसकी रिपोर्ट जिला मलेरिया विभाग को उपलब्ध करायेंगे.
जिले में मिल चुका है जेइ का एक मरीज
इस साल जिले में अब तक जापानी इंसेफलाइटिस का एक मरीज मिल चुका है.जिले के हिलसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत नदहा गांव में जेइ का मरीज पिछले दिनों प्रतिवेदित हुआ है.जिसका इलाज पीएमसीएच में किया जा चुका है.वह मरीज इलाज के बाद अब पूरी तरह से स्वस्थ है.जिला मलेरिया विभाग की ओर से नदहा गांव में जेइ के लार्वा को मारने के लिए मालाथियॉन का छिड़काव किया जा चुका है.इसके अलावा जिले के चंडी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत दो माह पहले एइएस का एक मरीज भी प्रतिवेदित हो चुका है. इस तरह जेइ व एइएस रोगों को लेकर जिला मलेरिया विभाग पूरी तरह से सजग है.
हरेक पीएचसी में विशेष वार्ड है बना: जेइ के मरीज चिह्नित होने की स्थिति में उसका भरती कर इलाज के लिए भी मुकम्मल व्यवस्था की जा चुकी है. जिले के हरेक पीएचसी व अनुमंडलीय अस्पताल में पांच-पांच बेड का जेइ वार्ड खोला जा चुका है. इसी तरह सदर अस्पताल में दस बेड का विशेष जेइ वार्ड भी खोला गया है. इतना ही नहीं इस जेइ वार्ड में चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी है. ताकि भरती होने वाले रोगियों का सही तरीके इलाज किया गया जा सके.
डॉक्टरों की भी तैनाती की जा चुकी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जेइ के चिह्नित होने वाले रोगियों को चिकित्सा सेवा प्रदान करने के लिए ठोस व्यवस्था की गयी है.दवा का क्रय कर सभी पीएचसी,रेफरल,अनुमंडलीय अस्पतालों में दवा भेज दी गयी है. साथ ही आवश्यक उपकरण भी उपलब्ध करा दिये गये हैं.प्रभारियों को हिदायत दी गयी है कि मरीज प्रतिवेदित होते हैं तो इसकी सूचना उपलब्ध करायेंगे.जिस क्षेत्र में मरीज प्रतिवेदित होते हैं तो वहां तुरंत मेडिकल टीम भेजेंगे.
डॉ.रविन्द्र कुमार,जिला मलेरिया पदाधिकारी,नालंदा
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