11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

EXCLUSIVE : रुकेगी पानी की बर्बादी, MIT छात्रों के ऑटोमैटिक मोटर ऑन-ऑफ स्विच को मिला पेटेंट

पानी की बर्बादी रोकने के लिए MIT के स्टूडेंट्स द्वारा बनाए गए उपकरण को पेटेंट मिल गया है. जानिए इस डिवाइस की खासियत

अंकित कुमार, वरीय संवाददाता

PRABHAT KHABAR EXCLUSIVE : मुजफ्फरपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) के स्टूडेंट्स ने दोहरी उपलब्धि अपने नाम की है. कॉलेज के पांच स्टूडेंट्स की ओर से तैयार किये गये मैकेनिकल ऑटोमेटिक ऑन-ऑफ मोटर स्विच को पेटेंट मिल गया है. वहीं इसी प्रोजेक्ट का चयन बिहार स्टार्टअप योजना के लिये भी कर लिया गया है. स्टूडेंट्स को अब इस कार्य काे इंडस्ट्री स्तर पर शुरू करने के लिये 10 लाख रुपये का लोन भी मिलेगा.

टीम में बायोमेडिकल एंड रोबोटिक्स इंजीनियरिंग के द्वितीय वर्ष के छात्र टीम लीडर विवेक कुमार, इसी ब्रांच के मो.मोत्सिम आलम, इलेक्ट्रिकल द्वितीय वर्ष के अमन कुमार, मैकेनिकल द्वितीय वर्ष के प्रिंस कुमार और मो.दानिश शामिल हैं. स्टार्ट सेल के फैकल्टी इंचार्ज प्रो.संजय कुमार ने बताया कि सेल से जुड़ने वाले ये पहले विद्यार्थी थे. उनके प्रोजेक्ट के दो स्तर पर चयन होने से एमआइटी की प्रतिष्ठा बढ़ी है. इससे अन्य विद्यार्थियों को भी प्रेरणा मिलेगी.

बता दें कि यह प्रोजेक्ट आइआइटी पटना में हुए आयोजन में 500 प्रोजेक्ट की सूची मेें से चयनित 17 बेस्ट प्रोजेक्ट की सूची में शामिल था. सीधे आम लोगों से जुड़ाव होने के कारण इस प्रोजेक्ट को स्टार्टअप के लिए भी चयनित किया गया है.

इस प्रकार कार्य करेगा मैकेनिकल स्विच 

टीम लीडर विवेक ने बताया कि यह पहला ऐसा मैकेनिकल स्वीच होगा जिसे सीधे टंकी में लगाया जायेगा. टंकी भरने के बाद जिस पाइप से पानी बाहर की ओर निकलता है. उसी में इस स्वीच को फिट किया जायेगा. इसके बाद हम जितना टंकी खाली होने के बाद फिर से भरना चाहें. उतनी बड़ी पाइप को स्विच के साथ अटैच कर फिट कर देंगे.

पानी के सतह के साथ पाइप का डाइमेंशन जुड़ा रहेगा. निर्धारित मानक से पानी का स्तर जैसे ही नीचे जायेगा. स्वीच मोटर को कमांड दे देगा. इससे पानी टंकी में भरने लगेगा. फिर जैसे ही टंकी भर जायेगी और पाइप का डाइमेंशन बदलेगा. इससे मोटर को बंद करने का कमांड मिल जायेगा.

विवेक बताते हैं कि वे जब 12वीं में स्कूल के छात्रावास में रहकर पढ़ाई करते थे. वहां कई बार मोटर चालू ही रह जाता था. इससे मोटर के जलने का डर रहता था. साथ ही पानी की भी बर्बादी होती थी. उस समय शिक्षकों ने कहा था कि इसका कोई निदान निकलना चाहिये. विवेक ने उसी सोच के तहत इस मैकेनिकल स्विच को विकसित किया.

इसे विकसित करने में मो.माेत्सिम, अमन, प्रिंस और दानिश का भी सहयोग मिला. विवेक बताते हैं कि यह स्वीच महज तीन सौ रुपये की लागत में मिल जायेगा. लोग बाजार से अलार्म या एमसीबी लाते हैं तो वह न्यूनतम पांच से आठ सौ रुपये की आती है. ऐसे में यह कम बजट में लोगों के लिये बाजार में उपलब्ध हो जायेगा.

Also read : एकेयू में केंद्रीयकृत नामांकन प्रणाली अपनायी जायेगी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें