मुजफ्फरपुर : डीपीओ स्थापना कार्यालय से 142 शिक्षकों की मेधा सूची गायब हो गयी है. इसमें विभागीय कर्मचारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है. अभिलेख गायब होने से जांच बाधित है. डीपीओ स्थापना ने अभिलेख प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई का अनुमोदन करते हुए आरडीडीइ को प्रतिवेदन भेज दिया है. यहीं नहीं, फर्जी शिक्षकों को नियोजन इकाइयां बचाने के चक्कर में लगी हैं, तो दोषी अधिकारियों पर विभाग ही मेहरबान है. जिले के 10 प्रखंडों में चिह्नित फर्जी टीइटी शिक्षकों के मामले में विभाग की उदासीनता से अब महकमे में ही सवाल उठने लगे हैं.
नवंबर, 2016 में डीएम ने फर्जी शिक्षकों को बरखास्त कर उनके खिलाफ एफआइआर कराने का आदेश दिया था. साथ ही उनसे वेतन की रिकवरी भी की जानी है. सात महीने में भी विभाग आदेश का अनुपालन नहीं कर सका है. संबंधित पंचायत व प्रखंड इकाइयों को विभाग की ओर से बार-बार कार्रवाई के लिए आदेश जारी
किया गया, लेकिन उसका असर नहीं हुआ. नवंबर में ही विभाग ने सभी चिह्नित शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी.
हालांकि, नियोजन इकाईयों की मिलीभगत से अब भी कई शिक्षक स्कूल जा रहे हैं और हाजिरी बना रहे हैं. 93 शिक्षकों को बरखास्त किया जा सका है, जबकि अन्य के खिलाफ कार्रवाई लंबित है. जब नियोजन इकाइयों ने कार्रवाई में लापरवाही
दिखाई तो दबाव को देखते हुए संबंधित बीइओ ने थाने में एफआइआर दर्ज करायी. नियोजन इकाइयों के असहयोग को लेकर विभाग ने कई बार डीएम को रिपोर्ट दी, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी.
वेतन भुगतान में हुआ डीपीओ का निलंबन : फर्जी शिक्षकों को वेतन भुगतान के मामले तत्कालीन डीपीओ स्थापना नीता पांडेय को विभाग ने निलंबित कर दिया है. हालांकि उनके कार्यकाल में ही 10 प्रखंडों से 335 शिक्षक चिह्नित किये गये. इसमें
मीनापुर व पारू के शिक्षकों की जांच डीपीओ ने खुद की है, जबकि अन्य प्रखंडों से संबंधित बीइओ ने जांच रिपोर्ट दी थी.
प्रधान सचिव पर परिवाद के बाद मची खलबली
अनियमित वेतन भुगतान व दोषियों को बचाने के आरोप में प्रधान सचिव सहित अन्य के खिलाफ अधिवक्ता पंकज कुमार ने सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज कराया था. प्रधान सचिव के नाम से ही विभाग में खलबली मची है. प्रधान सचिव ने इस संबंध में शिक्षकों के साथ ही दोषी नियोजन इकाई व अनुमोदन करने वाले अधिकारियों को भी चिह्नित करने का आदेश दिया है.
पांच प्रखंड व 22 पंचायत नियोजन इकाई चिह्नित
फर्जी शिक्षकों की बहाली में पांच प्रखंड व 22 पंचायत नियोजन इकाइयों को चिह्नित किया गया है. वर्ष 2013-14 में 240 व 2015-16 में 95 शिक्षकों की बहाली हुई है. प्रखंड नियोजन इकाइयों में मीनापुर, मुशहरी, पारू, सकरा व गायघाट है. नियोजन के समय के बीडीओ व पंचायत सचिवों का नाम भी जांच में सामने आ चुका है.