मुजफ्फरपुर : हत्या, लूट, रंगदारी सहित कई संगीन मामलों में जेल में बंद अनिल ओझा पुलिस, न्यायालय की कार्रवाई के साथ ही स्पीडी ट्रायल के दौरान वादी व गवाहों की तमाम गतिविधियों पर नजर रख रहा था. सुबह से देर शाम तक वह मोबाइल से अपनी पत्नी, सहयोगी व शागिर्दों के संपर्क साध रहा था. इसका खुलासा गोपनीय जांच रिपोर्ट में हुआ है.
जांच में मेडिकल ग्राउंड पर जेल से बाहर निकल आपराधिक वारदात का षड्यंत्र रचने जैसे मामलों के खुलासे हुए हैं. अनिल के साढ़ू विजय कुमार व मनीष के सहयोग करने की बात सामने आयी है. अनिल के मेडिकल ग्राउंड पर जेल से बाहर निकालने के षड्यंत्र का खुलासा हुआ है. जेल से निकल आपराधिक साथियों से वारदात को अंजाम देने की योजना थी. समय रहते पुलिस प्रशासन को इसकी जानकारी मिली. मंसूबे फेल हो गये.
पत्नी ने कहा, तुम्हारे कर्मों की सजा भुगत रहा परिवार : अनिल के मोबाइल इस्तेमाल की गोपनीय जांच एसएसपी विवेक कुमार ने करायी थी. उसकी पत्नी संगीता ओझा, सहयोगियों से संपर्क साधने की बात सामने आयी. इसके बाद अनुसंधानक प्रमोद कुमार सिंह ने मिठनपुरा थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. जिसमें दोनों के बीच वार्तालाप के अंश का जिक्र है. संगीता ओझा पति को कहती है, तुम्हारे किये की सजा पूरा परिवार भोग रहा है. विगत आठ मार्च को अनिल ने अपनी पत्नी से सुबह 5.32 व 9 बजे में बातचीत किया था. नौ मार्च की सुबह 6.27 से अपराह्न 3.26 तक नौ बार बात की. 10 मार्च की सुबह 6.55 से दोपहर 2 बजे तक पांच बार कॉल किया था. 11 मार्च को सुबह 7.28 से शाम पांच बजे तक सात बार व 12 मार्च को पांच बार मोबाइल का इस्तेमाल किया था. उसने जेल में सामान मंगवाने से लेकर अखबार में छपी खबर, पुलिस व न्यायालय की कार्रवाई पर नजर रख रहा था. अनिल अपने संबंधी विजय कुमार से नौ मार्च से 12 मार्च के बीच सात बार बात की थी. विजय उसे आपराधिक लोगों का नंबर उपलब्ध करा रहा था. मनीष व रजनीश का नंबर उपलब्ध कराया था. जिस पर कॉल कर गवाहों को मैनेज का षड्यंत्र रचा. इस दौरान न्यायालय की गतिविधि की जानकारी व जेल में सामान मंगवाने की पुष्टि हुई है.
वादी व गवाह की हत्या का रच रहा था षड्यंत्र : अनिल मनीष कुमार, जितेंद्र उर्फ बबलू, पंकज कुमार व अन्य शागिर्दों के संपर्क में था. जितेंद्र उसे हाल में हुए जमीन विवाद में दर्ज मुकदमे के वादी व गवाह संजय की हत्या के लिए उकसा रहा था. पंकज और मनीष को अनिल ओझा गवाहों व वादी पर दबाव बनाने का निर्देश दे रहा था. केस के अनुसंधानक पर भी दबाव बनाने के प्रमाण मिले हैं. मनीष कुमार पर रंगदारी व हत्या के प्रयास के कई केस दर्ज है. अनिल के साथ भी वह कई केस में आरोपित है. सभी मामलों की सुनवाई न्यायालय में चल रही है.
ठेकेदार अजय से रंगदारी मांगने और इनकार करने पर अंजाम भुगतने की धमकी के मामले में भी मनीष शातिर अनिल ओझा के साथ आरोपित है.