देवीलाल ने कहा कि वर्ष 2002 से अब तक निगम को शहर के विकास के लिए 900 करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं से मिले, लेकिन विकास के बदले घोटाला हुआ . लोगों ने खुलकर अपनी बातें रखते हुए वार्ड की मूल समस्याओं पर भी चर्चा की.वार्ड के साथ ही शहर की समस्याओं पर भी चर्चा हुई. शहर में लोगाें के स्वास्थ्य लाभ के लिए पार्क,झील व मैदान नहीं होने की बात भी उठायी गयी. बीच शहर में बनें इंदिरा प्रियदर्शनी व अप्पू पार्क का उद्घाटन नहीं कर जनता के लिए नहीं खोले जाने के मामले पर भी लोगों ने सवाल उठाए.वार्ड 23 में वर्षा के समय जल जमाव से टापू की स्थिति बने रहने की भी बात उठाई गयी. दो वार्डों के बीच में पड़ने वाले प्रसिद्ध् लहठी मंडी की जर्जर सड़क व जलजमाव की समस्या से उत्पन्न स्थिति को भी सामने रखा गया.
वार्ड में पेयजल, नाले ,जर्जर बिजली तार व सड़क की स्थिति पर भी चर्चा हुई. लोगों ने कहा कि निगम की स्थिति यह है कि विकास योजनाओं के कार्यों की गुणवता की जांच पार्षद नहीं कर पातें हैं. निगम में एक कॉकस है, जो शहर के विकास में बाधक है. कुछ लोगों ने कहा कि वार्ड में विकास हुआ है,लेकिन कुछ काम अभी बचा हुआ है.अधिकांश नाले एेसे बने हुए हैं कि नाले की ऊंचाई सड़क से अधिक है. जिससे नाले का पानी सड़क पर बहता है. लोगों ने कहा की हमें भी सड़क पर कचरा व पॉलिथीन नहीं फेंकना चाहिए. साथ ही लाेगों ने पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाये जाने की बात कही.