मुजफ्फरपुर : गुरु की कृपा से चंपारण का मिशन सफल होगा. गुरु गोविंद सिंह ने जो प्रेम का बीज बोया था, उसी प्रेम व भाईचारे के बल पर हम भारतवासी अंग्रेजी हुकूमत से अपनी गुलामी को छुड़ा सकते हैं. मैं कहना चाहता हूं कि चंपारण मिशन के लिए रैयतों का दुख-दर्द दूर करने के लिए मैं यहां आया हूं. उन्हीं की राह पर चलकर गुरु के चरणों में समर्पित होकर उनके बीज को पुष्पित कर हम चंपारण मिशन को पूरा कर सकते हैं. उक्त बातें गांधी जी ने कहीं. वे बुधवार को वैशाखी के मौके पर रमना गुरुद्वारा पहुंचे थे.
उन्होंने गुरु ग्रंथ साहिब को मत्था टेका व चंपारण मिशन को पूरा करने की प्रार्थना की. उन्हाेंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के बताये रास्ते पर चलकर हमारा कल्याण होगा. उन्हाेंने कहा गुरु ने जो प्रेम की चासनी पिलायी थी, उसी कारण सभी गुरुओं ने अपना जीवन बलिदान कर दिया था. इस प्रेम से सभी का कल्याण होगा. इसके अलावा अन्य काम होगा, जिसकी बात मैंने अपने सपनों के भारत में की है. गांधीजी के संबोधन से पहले गुरुद्वारा के अध्यक्ष अवतार सिंह ने कहा कि आज अद्भुत संयोग है.
वैशाखी पर्व के मौके पर गांधीजी गुरुद्वारा आये हैं. चंपारण सत्याग्रह के एक सौ वर्ष बाद हम इस तरह का आयेाजन कर एक नये समाज का सृजन कर रहे हैं. उन आदर्शों की फिर से स्थापना होगी. इस मौके पर गांधीजी, जेबी कृपालानी, पं. राजकुमार शुक्ल व रामनंदन जी को गुरुद्वारा की ओर से अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया.