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गौमाता को दिया जाए राष्ट्रमाता का सम्मान

मांग. चेंबर सभागार में बोले संत गोपाल मणि मुजफ्फरपुर : गौमाता हमारी भारतीय सनातन संस्कृति की मूल है, वेद शास्त्रों में गाय को मां का सम्मान है. 80 करोड़ हिंदुओं की धार्मिक आस्था इससे जुड़ी हुई है. हमारे संविधान में प्रत्येक नागरिक की धार्मिक आस्था की सुरक्षा व सम्मान का प्रावधान है, लेकिन सरकार गाय […]

मांग. चेंबर सभागार में बोले संत गोपाल मणि

मुजफ्फरपुर : गौमाता हमारी भारतीय सनातन संस्कृति की मूल है, वेद शास्त्रों में गाय को मां का सम्मान है. 80 करोड़ हिंदुओं की धार्मिक आस्था इससे जुड़ी हुई है. हमारे संविधान में प्रत्येक नागरिक की धार्मिक आस्था की सुरक्षा व सम्मान का प्रावधान है, लेकिन सरकार गाय को पशु श्रेणी में समझती है. हमारी मांग है कि गाय को राष्ट्रमाता का सम्मान दिया जाये व केंद्र सरकार में गौ मंत्रालय अलग से स्थापित की जाये.
उक्त बातें मुजफ्फरपुर गोशाला की ओर से रविवार को चेंबर के सभागार में आयोजित संत गोपाल मणि ने प्रवचन के क्रम में कही. भारतीय गौ क्रांति मंच के सानिध्य में आयोजित सभा में उन्होंने गौ की महत्ता बतायी. गौमाता को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए संत गोपाल मणि की यह यात्रा 471वें जिले के पड़ाव पर शहर में पहुंची थी. उन्होंने यह यात्रा 9 मई, 2016 को उत्तराखंड से प्रारंभ की थी. कई राज्यों के विभिन्न जिलों का भ्रमण करते हुए उन्होंने शहरवासियों के बीच प्रवचन किया. उन्होंने कहा कि गाय आध्यात्मिक ऊर्जा का देवालय है. इसके गोबर में मिथेन गैस है. इससे देश में घर-घर चूल्हे जलाये जा सकते हैं.
इस गैस को सीएनजी में परिवर्तित कर मोटर गाड़ियां चलायी जा सकती है. गौ मूत्र से सभी बीमारियों का इलाज है. श्री मणि ने प्रवचन से पूर्व गाय को राष्ट्रमाता का सम्मान दिलाने के लिए पीएम के नाम पांच सूत्रीय ज्ञापन डीएम को भी सौंपा. प्रवचन में सज्जन शर्मा, अंबिका ढंढारिया, सुभाषचंद्र शर्मा, महावीर प्रसाद सुमन, कैलाश खंडलेवाल, नंद किशोर अग्रवाल मौजूद थे.

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