मुजफ्फरपुर/रांची: बैंक से जालसाजी कर पैसे की निकासी के आरोप में सीबीआइ (दिल्ली) की टीम ने पवन सिंह, संदीप मिश्र, शिवशंकर प्रसाद और विनय यादव को गिरफ्तार किया है. अभियुक्तों को सीबीआइ के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष पेशी के बाद जेल भेज दिया गया. जालसाजी के इस मामले में नौ अभियुक्त पहले से ही जेल में हैं. सीबीआइ ने अदालत को बताया कि सुनियोजित साजिश के तहत 10 मई 2011 को मुजफ्फपुर स्टेट बैंक की शाखा से मुंबई के एरिस्टो फार्मा के बैंक खाते से 12.50 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गये थे.
बैंक और एरिस्टो फर्मा का पासवर्ड चोरी कर 50 लाख रुपये मुजफ्फरपुर के शिव शक्ति ट्रेडर्स के खाते में ट्रांसफर किया गया था. उसी दिन रांची के मेसर्स महारानी आटोमोबाइलस के शिव शंकर प्रसाद के खाते में 12 करोड़ रुपये ट्रांसफर किये गये थे. शिव शंकर ने अपने इस खाते से 12 करोड़ रुपये का चेक मेसर्स वेलोसिटी इंटरनेशनल के संदीप मिश्र को दिया. संदीप मिश्र ने इसमें से 1.5 करोड़ रुपये की निकासी कर ली थी. इस मामले में विनय यादव ने रांची के इन अभियुक्तों और मुजफ्फरपुर के अभियुक्तों के बीच लिंक का काम किया था.
नवंबर 2011 में भी राशि ट्रांसफर
गोबरसही खाते से मई 2011 के बाद साइबर अपराधियों ने नवंबर 2011 में भी बीसीसीएल धनबाद के खाते से 29 करोड़ रुपये की राशि का ट्रांसफर यूपी के मोदीनगर स्थित एक कंपनी के खाते में कर दिया था. लेकिन समय से पता चल जाने के कारण पैसे की निकासी नहीं हो पायी थी. वही अक्तुबर 2010 में भी सारण एसबीआइ से करोड़ों की राशि का ट्रांसफर का मामला सामने आया था.
क्या है मामला
एसबीआइ के गोबरसही शाखा से मई 2011 में पासवर्ड चोरी कर मुंबई की दवा कंपनी अरिस्टो फार्मा के खाते से 12.5 करोड़ रुपये उड़ा दिये थे. इस मामले में शाखा प्रबंधक एस ठाकुर ने सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. वही क्लर्क के विरुद्ध भी कार्रवाई की गयी थी. पुलिस ने जेनरेटर संचालक तबरेज को गिरफ्तार कर
क्या है मामला
जेल भेज दिया था. वही 50 लाख रुपये की निकासी भगवानपुर सिंडिकेट बैंक से अगले दिन ही कर ली गयी थी. हालांकि सदर पुलिस जांच के दौरान किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची थी. घटना के कुछ माह बाद सीबीआइ को जांच की जिम्मेवारी सौंप दी गयी थी. वही गोबरसही ब्रांच के सभी कर्मियों का तबादला कर दिया गया था.
सीबीआइ के जांच की कमान संभालते ही पूरे मामले में तेजी आ गयी थी. सीबीआइ ने इस मामले में श्याम कुमार सिंह, गोपी कृष्ण, विकास कुमार, सेल टैक्स कर्मी सौरभ व पूरे घटना के मास्टर माइंड नीतिन राज को गिरफ्तार किया गया था. वही आमगोला निवासी राजीव रंजन ने आत्मसमर्पण कर दिया था. फिलहाल ये सभी जेल में ही है.