मुजफ्फरपुर : अद्भुत नजारा. ऐसी व्यवस्था उम्मीद से परे. सपने में भी नहीं सोचा था कि गुरु गोविंद सिंह के प्रकाशोत्सव पर ऐसी व्यवस्था होगी. गांधी मैदान को इतनी खूबसूरती से सजाया गया है कि लगता ही नहीं, हम पटना में हैं. प्रकाशोत्सव पर पहले देश में कहीं भी ऐसी व्यवस्था नहीं दिखी. यह कहना था उत्तर बिहार गुरुद्वारा काे-ऑर्डिनेशन कमेटी के संयोजक योगेंद्र सिंह गंभीर का. वे बुधवार को प्रकाशोत्सव में शामिल होने के लिए जत्थे के साथ पटना गये थे.
बातचीत में उन्होंने कहा कि सिख दंगों का मुआवजा नहीं मिलने पर हम नीतीश सरकार के विरोध में थे. लेकिन प्रकाशोत्सव का इतना सुंदर आयोजन कर नीतीश सरकार ने हम सभी का मन मोह लिया है. ऐसी हमलोगों की उम्मीद ही नहीं थी. करोड़ों खर्च कर सरकार ने इस आयोजन को यादगार बना दिया है. उन्होंने बताया कि पटना में ही 50 वर्ष पूर्व प्रकाशोत्सव का आयोजन किया गया था. उस वक्त महाराज पटियाला यहां पधारे थे. लेकिन व्यवस्था सिर्फ लोकल स्तर की थी. लेकिन इस बार तो अद्भुत नजारा दिख रहा है.
विदेशियों ने की सराहना : गंभीर ने कहा कि कनाडा से आये लोगों ने भी यहां की व्यवस्था को काफी सराहा है. वहां के 18 सांसद पंजाबी हैं. रक्षामंत्री भी पंजाब के हैं. उन लोगों ने भी यहां समारोह का नजारा देख काफी प्रसन्नता जतायी. उनलोगों ने कहा कि इतनी अच्छी व्यवस्था होगी, इसकी उम्मीद नहीं थी. सबसे बड़ी बात यह है कि प्रकाशोत्सव में दुनिया भर के लोग आये हैं, जिनमें 10 फीसदी ही सिख धर्म के लोग हैं. लेकिन गुरु गोविंद साहब के प्रति लोगों की इतनी श्रद्धा है कि समारोह में आने से खुद को नहीं रोक पा रहे.
बदले से नजर आ रहे पटनावासी :
यहां से गये लोगों का कहना था कि पटना के लोग हर कदम पर सहयोग के लिए तैयार दिखे. पूरा पटना बदला हुआ दिख रहा है. यहां के लोगों के बारे में धारणा है कि ये लोगों की मदद कम करते हैं. लेकिन यहां सभी लोग हर जगह पर मदद के लिए हाजिर दिख रहे हैं. किसी से भी कुछ पूछिए, लोग हाजिर. किसी को कोई परेशानी होती है, तो तुरंत उसकी मदद करते हैं. ऑटो व रिक्शावाले भी उचित दर पर सही जगह पहुंचाने के लिए हाजिर हैं. समारोह ने पटना को दुनिया भर में स्थापित कर दिया है.