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एसकेएमसीएच में फटा सिलेंडर, हादसा टला

मरीज का खाना बनाते समय हुई घटना मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में बुधवार को बड़ा हादसा टल गया. खाना बनाते समय सिलेंडर का सेफ्टी पिन टूटने से आग लग गयी. आग लगने के बाद मरीज के परिजनों ने तीसरी मंजिल से जलता सिलेंडर नीचे फेंक दिया. नीचे वह विस्फोट कर गया. जहां विस्फोट हुआ, वहां से […]

मरीज का खाना बनाते समय हुई घटना

मुजफ्फरपुर : एसकेएमसीएच में बुधवार को बड़ा हादसा टल गया. खाना बनाते समय सिलेंडर का सेफ्टी पिन टूटने से आग लग गयी. आग लगने के बाद मरीज के परिजनों ने तीसरी मंजिल से जलता सिलेंडर नीचे फेंक दिया. नीचे वह विस्फोट कर गया. जहां विस्फोट हुआ, वहां से 15 फुट की दूरी पर ऑक्सीजन की पाइपलाइन गुजर रही थी. गनीमत रही कि समय रहते आग पर काबू पा लिया गया. आग लगने के बाद मरीज व उसके परिजन भाग गये. मौके पर अफरा-तफरी
एसकेमसीएच में फटा
मची रही.
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण तीसरी मंजिल पर मरीज के परिजन वार्ड के बाहर रिफिल सिलिंडर से खाना बना रहे थे. इस दौरान गैस का रिसाव होने लगा और आग लग गयी. परिजनों ने जब गैस बंद करने का प्रयास किया, तो उसका सेफ्टी पिन टूट गया. इससे बाहर की ओर तेजी से आग फैलने लगी. इस दौरान किसी ने सिलेंडर को बाहर सीढ़ी की ओर फेंक दिया, जिससे दो लोग आंशिक रूप से झुलस गये. इस बीच तीसरी मंजिल पर अफरा-तफरी मच गयी. मरीज वार्ड के बाहर भागने लगे. इस बीच वार्ड के बाहर लगे अग्निशमन सिलिंडर से आग पर काबू पाया गया. आग बुझने के एक घंटे बाद सभी मरीज वार्ड में गये.
सीढ़ी पर फेंक दिया सिलिंडर
बताया जाता है कि शिवहर की एक महिला वार्ड नौ में भरती थी. उसके परिजन सुनीता देवी गैस रिफिल सिलिंडर पर वार्ड के बाहर खाना बना रही थी. वहीं से ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन बिछायी गयी है, जिससे मरीज को 24 घंटे ऑक्सीजन मिलती है. इसी दौरान सिलिंडर में आग लग गयी. आग को बुझाने के दौरान मीनापुर के सुरेंद्र कुमार व अस्पताल के ट्रॉली मैन ब्रजेंद्र झुलस गये. ट्राॅलीमैन ने ही अग्निशमन लेकर आग पर गैस रिसाव किया था. इस बीच सिलिंडर को सीढ़ी पर फेंक दिया गया, जहां वह फट गया.
अस्पताल प्रबंधन के कारण बंद हुई सुविधा
अस्पताल में इंडियन ऑयल की ओर से नौ रुपये प्रति घंटे पर किचेन में गैस सिलिंडर व बरतन उपलब्ध कराया जाता था, जहां सुरक्षित खाना बनाया जाता था. इसके लिए अस्पताल में किचेन उपलब्ध है. साथ ही किचेन को चलाने के लिए कंपनी का एक्सपर्ट भी उपलब्ध कराया गया था. लेकिन, अस्पताल प्रशासन की उदासीनता के कारण कंपनी को घाटा होने लगा. यहां पर हर रोज 100 के करीब मरीज भरती होते हैं. लेकिन, किचेन में चार-पांच मरीज के परिजन ही जाते थे. इससे कंपनी को योजना बंद करनी पड़ी.
आग लगने से ट्रॉलीमैन सहित दो झुलसे
जलते सिलेंडर को सीढ़ी के
पास फेंकने से हुआ विस्फोट
20 फुट दूरी पर ही थी ऑक्सीजन गैस की पाइपलाइन
अग्निशमन सिलिंडर से बुझायी गयी आग
वार्ड नौ के बाहर खाना बनाने के दौरान गैस सिलेंडर में आग लगी थी. आग पर काबू पा लिया गया. कोई भी मरीज हताहत नहीं हुआ है. अब नियमित रूप से सभी वार्डों में जांच की जायेगी.
डॉ जीके ठाकुर, अधीक्षक, एसकेएमसीएच
सभी वार्ड से गैस सिलेंडर को बाहर निकाल दिया गया है. सभी सुरक्षाकर्मी को सख्त आदेश दिया गaया है ताकि कोई भी मरीज का परिजन गैस सिलेंडर अस्पताल के अंदर नहीं ले जा सके. गैस सिलेंडर फटने से कोई हताहत नहीं हुआ है.
डॉ सुनील शाही, उपाधीक्षक, एसकेएमसीएच

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