मुजफ्फरपुर: स्नातक पास सुरेश सहनी नक्सलियों का जोनल कमांडर था. वह चार साल से लगातार सीतामढ़ी जिले के रूनीसैदपुर थाना क्षेत्र में गिद्धा मेला का आयोजनकर्ता रहा है. 2013 में शहादत दिवस पर आयोजित गिद्धा मेला में 10 लाख रुपये खर्च किये गये थे. इस बात का खुलासा नये साल के दिन पकड़े गये सीनियर एरिया कमांडर मनोज अग्रवाल के पास से बरामद एक डायरी से हुआ था. पुलिस ने मनोज को घोड़ासहन के गुरमियां गांव से गिरफ्तार किया था. उसके पास से बरामद डायरी में गिद्धा मेला के आयोजन मेंआय व व्यय का पूरा ब्योरा दर्ज है.
मेला के नाम पर लेवी की जम कर वसूली हुई थी. मेला का व्यवस्थापक खुद शिवहर तरियानी के सलेमपुर गांव का मनोज अग्रवाल था. उससे पूछताछ के बाद विशेष टीम ने हार्डकोर सुरेश सहनी के मीनापुर के गंगटी स्थित घर पर छापेमारी की थी. घर से मिले कागजात से खुलासा हुआ था कि उसके पास करोड़ों की संपत्ति है. उसके घर से 20 लाख का एलआइसी प्रीमियम का रसीद, लाखों के जमीन का कागजात, बैंक का पास बुक, लाखों के फिक्स डिपोजिट का कागजात बरामद हुआ है. हालांकि छापेमारी के दौरान सुरेश चकमा देकर भाग निकला था. छापेमारी के समय सुरेश घर में ही था, लेकिन पुलिस के आने की भनक लगते ही चकमा देकर भाग निकला.
मनोज से झगड़ा पड़ा भारी : गिद्धा मेला में ही सुरेश व मनोज आपस में उलझ गय थे. सुरेश ने मनोज अग्रवाल की पिटाई भी कर दी थी. इस घटना के बाद मनोज ने बदला लेने का ठान लिया था. एक जनवरी को पूर्वी चंपारण के घोड़ासहन थाना के गुरमियां गांव से पकड़े जाने के बाद मनोज ने सुरेश का नाम पुलिस के समक्ष उगल दिया था. उसकी निशानदेही पर ही गंगटी में छापेमारी हुई थी. उसके पूर्व सुरेश के नक्सली गतिविधि के बारे में किसी को जानकारी नहीं थी.
दिया रोजगार सेवक का आवेदन : सुरेश सहनी ने पंचायत रोजगार सेवक का ऑनलाइन आवेदन दे रखा है. उसने डीएम से रोजगार सेवक या शिक्षा मित्र के पद पर बहाल करने की गुहार लगायी है. असम से मैट्रिक पास सुरेश ने दिल्ली से इंटर व मध्यप्रदेश से स्नातक पास किया है.
एएसपी ने दर्ज करायी थी प्राथमिकी : सुरेश सहनी के खिलाफ दो जनवरी को एएसपी अभियान राणा ब्रजेश ने मीनापुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी.