इस बार भद्रा 17 को शाम 4.27 बजे लगेगा, जो 18 को सूर्योदय से पहले समाप्त हो जायेगा. आचार्य शिव शंकर पाठक कहते हैं कि भद्रा का साया नहीं पड़ने से रक्षाबंधन का दिन अत्यंत शुभ हो गया है. हालांकि कुछ विद्वानों का कहना है कि दोपहर 1.16 से दोपहर तीन बजे तक श्रेष्ठ मुहूर्त है. धार्मिक शास्त्राें के मुताबिक भद्रा सूर्य की पुत्री हैं व शनि की बहन हैं. शनि की तरह ही इनका स्वभाव भी उग्र है.
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रक्षाबंधन में सुबह से शाम तक शुभ मुहूर्त
मुजफ्फरपुर: इस बार 18 को होनेवाले रक्षाबंधन पर मुहूर्त का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. सुबह छह से रात्रि साढ़े सात बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा. ऐसा संयाेग तीन साल के बाद बन रहा है. ऐसा पर्व के दिन भद्रा का साया नहीं पड़ने से हुआ है. बहनें भाई को दोपहर व शाम में भी राखी […]
मुजफ्फरपुर: इस बार 18 को होनेवाले रक्षाबंधन पर मुहूर्त का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. सुबह छह से रात्रि साढ़े सात बजे तक शुभ मुहूर्त रहेगा. ऐसा संयाेग तीन साल के बाद बन रहा है. ऐसा पर्व के दिन भद्रा का साया नहीं पड़ने से हुआ है. बहनें भाई को दोपहर व शाम में भी राखी बांध सकेंगी.
भद्रा के समय में कोई भी शुभ कार्य, संस्कार व यात्रा की शुरुआत नहीं की जाती है. इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. राखी के त्योहार पर सिंहासन व गौरी योग का संयोग भी रहेगा. यह भाई बहनों के लिए शुभ माना जाता है. सिंहासन राजपाट का प्रतीक है तो गौरी खुशहाली का. इन दोनों योगों में किये गये कार्य शुभता लाते हैं व मंलगकारी होते हैं. सिंहासन योग भाई को सफलता दिलायेगा, वहीं गौरी योग बहनों की जिंदगी में खुशहाली लायेगा. रक्षाबंधन का गुरुवार को पड़ना भी शुभ माना जा रहा है.
पूरा दिन शुभ मुहूर्त
सुबह 6 बजे से 7.30 बजे शुभ
सुबह 10.30 बजे से 12 बजे चर
दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे लाभ
दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे अमृत
शाम 4.30 बजे से 6 बजे शुभ
शाम 6 बजे से 7.30 बजे अमृत
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