मुजफ्फरपुर: शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गयी है. हाल के दिनों में सफाई कर्मियों के बंटवारे पर भी सवाल उठने लगा है. कई वार्डो में सफाई कर्मी नदारद हैं. तो कई वार्डो में जरूरत से ज्यादा सफाई कर्मी होने की बात सामने आयी है.
पार्षद लगातार निगम प्रशासन से सफाई कर्मियों की मांग कर रहे हैं. लेकिन निदान के वापस हुए दो माह बीतने के बाद भी वार्डो में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध नहीं कराया जा सका. सफाई कर्मियों के लिए पार्षद लगातार चक्कर लगा रहे हैं. दूसरी ओर सफाई नहीं होने से वार्डो की स्थिति नारकीय हो गयी है. सड़कों पर नाले बजबजा रहे हैं. कुछ पार्षदों का यह भी आरोप है कि कुछ खास वार्डो में जरूरत के हिसाब से ज्यादा सफाई कर्मी हैं. पार्षद राजा विनीत कुमार व शीतल गुप्ता ने बताया कि वार्डो में दो घंटे भी ढंग से सफाई नहीं हो रही. एक पाली में भी झाड़ू नहीं लग रहा.
12 की जगह आठ-नौ से चल रहा काम: पार्षदों का कहना है कि एक वार्ड में नियम के अनुसार कम से कम 12 सफाई कर्मी होने चाहिए. जबकि, ऐसा नहीं है. कहीं आठ तो कहीं सफाई कर्मी हैं. उसमें से भी एक-दो हमेशा अनुपस्थित रहते हैं. इसके कारण सफाई व्यवस्था लड़खड़ा गयी है. नयी बहाली को लेकर नगर निगम में करीब 565 सफाई कर्मी हैं, लेकिन पूरे शहर में किन वार्डो में कहां व कितने सफाई कर्मी है, इसका आंकड़ा निगम के पास नहीं है.
कर्मचारी गायब, निगम को पता नहीं: पार्षद ममता सिंह, आभा रंजन, कपिला देवी, पूनम सिन्हा, रंजू सिन्हा ने बताया कि उनके वार्ड में सफाई कर्मियों का काफी अभाव है. ऊपर से कई वार्ड में कुछ कर्मचारी रिटायर भी हुए हैं. वहीं, कई कर्मचारी महीनों से गायब हैं. इसकी खबर नगर निगम को नहीं है. पार्षदों की शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.
किस वार्ड में कितने कर्मचारी, निगम अनजान: नगर निगम को सफाई कर्मचारियों की जानकारी नहीं है. 23 जनवरी को नगर आयुक्त ने उक्त मामले में सभी अंचल निरीक्षक, बहलखाना प्रभारी व पार्क प्रभारी को पत्र लिखा है. नगर आयुक्त ने उक्त सभी प्रभारियों को वार्ड में काम कर रहे सभी कुली व संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों की सूची दो दिनों में स्थापना शाखा में जमा करने का निर्देश दिया है.