11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

डीएम को फंसाओ, बना दूंगा सरकारी गवाह

मुजफ्फरपुर : दो लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किये गये सीतामढ़ी के जिला योजना पदाधिकारी ओम प्रकाश ने चौकानेवाला खुलासा किया है. कोर्ट में दिये बयान में ओम प्रकाश ने कहा है कि उनके ऊपर जिले के डीएम राजीव रौशन को फंसाने का दबाव डाला गया. इसकी एवज में उन्हें सरकारी गवाह बनाने का लालच […]

मुजफ्फरपुर : दो लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किये गये सीतामढ़ी के जिला योजना पदाधिकारी ओम प्रकाश ने चौकानेवाला खुलासा किया है. कोर्ट में दिये बयान में ओम प्रकाश ने कहा है कि उनके ऊपर जिले के डीएम राजीव रौशन को फंसाने का दबाव डाला गया. इसकी एवज में उन्हें सरकारी गवाह बनाने का लालच दिया गया. ये दबाव निगरानी के डीएसपी मुन्ना प्रसाद व इंस्पेक्टर अतनु दत्ता की ओर से डाला गया. योजना पदाधिकारी ने कहा कि उससे निगरानी डीएसपी व इंस्पेक्टर ने कहा कि आप निदरेष हैं. ये हम जानते हैं. इस वजह से मामले में डीएम को आरोपित कीजिये, नहीं तो आप बर्वाद

डीएम को फंसाओ
हो जायेंगे.
ओम प्रकाश को 13 मई 2016 को निगरानी की टीम ने दो लाख रुपये घूस लेते पकड़ा था. उसके बाद से वो खुदीराम बोस केंद्रीय कारा मुजफ्फरपुर में बंद हैं. विशेष निगरानी न्यायाधीश एसके त्रिपाठी को ओम प्रकाश ने 164 का बयान दिया है. बयान में उन्होंने कहा कि 27 फरवरी 2015 से मैं जिला योजना पदाधिकारी के पद पर कार्यरत था, वहीं जिलाधिकारी के आदेश से नोडल पदाधिकारी व जिला शहरी विकास अभिकरण के अतिरक्ति प्रभार में लगभग छह सात माह से था, जहां मैं एकीकृत कार्य योजना की संचिका का काम सितंबर 2015 से कर रहा था. योजना के निकासी व्ययन पदाधिकारी जिला पदाधिकारी होते हैं.
बयान में ओम प्रकाश ने आगे कहा कि योजना के तहत बेंच-डेस्क की आपूर्ति करनेवाले खगड़िया के मित्तल एजेंसी के प्रोपराइटर के दीपक कुमार पालड़ीवाल हैं. उनकी शिकायत पर मुझे सीतमढ़ी के डुमरा स्थित सरकारी आवास से मुझे निगरानी की टीम ने गिरफ्तार किया था. ओम प्रकाश ने आगे कहा कि घटना की वजह मेसर्स मित्तल एजेंसी को काली सूची में डाला जाना है, क्योंकि इसकी ओर से जो सामान दिया गया था, वो गुणवत्ता पर खरा नहीं उतरा था. इसी वजह से एजेंसी को काली सूची में डालने की अनुसंशा डीडीसी के जरिये डीएम से की गयी थी. इसके बाद ही काली सूची में डालने की कार्रवाई की गयी थी.
इसके बाद डीएम ने एजेंसी की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित कर दी थी. टीम की ओर से रिपोर्ट दी जाती, तो एजेंसी को चार करोड़ का नुकसान होता, तो इसे देखते हुये एजेंसी की ओर से षडयंत्र रचना शुरू किया. इसी क्रम में 13 मई 2016 को कार्यालय से निकलते समय लिफाफा देने के नाम पर हमें निगरानी की हाथों गिरफ्तार करवा दिया. निगरानी ने जेल भेजे जाने के दौरान कई सादे कागजों पर जवरन मुझसे हस्ताक्षर कराया लिया गया. इसके बाद ही जांच अधिकारी डीएसपी मुन्ना प्रसाद व इंस्पेक्टर अतनु दत्ता मुझ पर दबाव बनाने लगे.
अतनु दत्ता की ओर से मुझसे डीएम राजीव रौशन के बारे में अभद्र टिप्पणी भी की और कहा कि उनका पैसा नहीं है. आप लोगों को भुगतान कर देना चाहिये. ओम प्रकाश ने बयान में आगे कहा कि डीएम राजीव रौशन न्यायप्रिय अधिकारी हैं. मैं उन्हें फंसा नहीं सकता हूं. ऐसा प्रतीत होता है कि आपूर्तिकर्ता एजेंसी से मिल कर निगरानी के अधिकारी मुङो मोहरा बना कर डीएम को फंसाना चाहते हैं.
सीतामढ़ी के जिला योजना पदाधिकारी का बयान
दो लाख घूस लेते पकड़े गये थे योजना पदाधिकारी
विशेष निगरानी कोर्ट में 164 का दर्ज कराया बयान
निगरानी के डीएसपी व इंस्पेक्टर पर लगाया आरोप

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें