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भ्रष्टाचार के खिलाफ: छात्रों ने बंद कराया विश्वविद्यालय
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में भ्रष्टाचार, लूट खसोट समेत अन्य मुद्दों को लेकर बिहार विवि बचाओ संघर्ष समिति ने सोमवार को विवि बंद करा दिया. छात्रों का हुजूम विवि के एक-एक सेक्शन को बंद कराते हुए, कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की. इस बीच मौके पर प्रॉक्टर डॉ सतीश कुमार राय और प्रोवीसी डॉ प्रभा किरण […]
मुजफ्फरपुर: बीआरए बिहार विवि में भ्रष्टाचार, लूट खसोट समेत अन्य मुद्दों को लेकर बिहार विवि बचाओ संघर्ष समिति ने सोमवार को विवि बंद करा दिया. छात्रों का हुजूम विवि के एक-एक सेक्शन को बंद कराते हुए, कुलपति के खिलाफ नारेबाजी की. इस बीच मौके पर प्रॉक्टर डॉ सतीश कुमार राय और प्रोवीसी डॉ प्रभा किरण पहुंची और छात्रों को मनाने कि कोशिश की, लेकिन छात्र नहीं माने. छात्रों का कहना था कि जब तक कुलपति वार्ता के लिए नहीं आएंगे, तब तक हम यहां से नहीं हटेंगे. छात्रों के विरोध के आगे कुलपति डॉ पी पलांडे मौके पर पहुंचे.
पहुंचने पर 20 से 25 मिनट तक वार्ता चली. इस बीच छात्रों ने कुलपति को ज्ञापन दिया. इस पर उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही समस्याओं का निराकरण करा दिया जाएगा. इस दौरान अविनाश कुमार, विक्की कुमार, राहुल, कुंदन, रवि, लोकेश, विक्रम यादव, सन्नी कुमार, गुल्लू त्रिवेदी आदि मौजूद रहे.
शैक्षणिक सत्र काफी लेट
विवि का शैक्षणिक सत्र काफी लेट है. इसकी वजह से छात्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है. इस पर विवि का ध्यान नहीं जा रहा है. 2015 के टीडीसी पार्ट वन, टू और थ्री के छात्रों का 50 प्रतिशत रिजल्ट पेंडिंग है. जिस कारण आये दिन दूर-दराज से छात्र विवि का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनके समस्या का निराकरण नहीं हो रहा है. मजबूरन छात्रों को बिचौलिये का सहारा लेना पड़ रहा है. परीक्षा विभाग में करोड़ों रुपये का बंदरबांट किया गया है. पीजी में नामांकन एवं फार्म भरने में विभिन्न मदों में फीस वृद्धि कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इतना ही नहीं दूरस्स्थ शिक्षा निदेशालय में संचालित कई कोर्सों को राजभवन ने स्वीकृति नहीं दी है. इसके बाद भी प्रशासनिक अधिकार ललन कुमार उसे चला रहे है, जो छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है. विकास अधिकारी ने विवि के आदेश को दरकिनार करते हुए विवि के रीडर आवास में 10 से 12 लाख रुपये खर्च किये है. जबकि यूजीसी के अनुदान बिना क्वार्टर के प्रारूप में बदलाव नहीं किया जा सकता है. विवि में एक राजनीतिक व्यक्ति को क्वार्टर आवंटित कर दिया गया है. जहां पर अवैध काम होते रहते है. इसकी जानकारी होने के बाद भी विवि इस पर खामोश हैं. छात्रों ने इन सब मामलों को लेकर एसआईटी जांच की मांग की है.
विवि बचाओ संघर्ष समिति ने विवि पर आरोप लगाते हुए कहा कि विवि के हर सेक्शन में बिचौलिये हावी हैं. छात्रों का काम नहीं होता है, जबकि बिचाैलिये अपने कामों को आसानी से करा देते हैं. इसके लिए कई बार प्रदर्शन भी हुआ. यही वजह है कि विवि में आए दिन मारपीट की घटनायें होती है.
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