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मन की डेढ़ एकड़ जमीन अतिक्रमित

मुजफ्फरपुर: सिकंदरपुर मन की मापी के दौरान रिविजन सर्वे के खतियान व नक्शा में जमीन के रकवा में 34.52 एकड़ जमीन का अंतर पाया गया है. खतियान के रकवा के अनुसार मन की जमीन महज 81.32 एकड़ थी, लेकिन जब नक्शा के अनुसार जब 13 आरएसपी खेसरा की मापी हुई तो यह जमीन 115.84 एकड़ […]

मुजफ्फरपुर: सिकंदरपुर मन की मापी के दौरान रिविजन सर्वे के खतियान व नक्शा में जमीन के रकवा में 34.52 एकड़ जमीन का अंतर पाया गया है. खतियान के रकवा के अनुसार मन की जमीन महज 81.32 एकड़ थी, लेकिन जब नक्शा के अनुसार जब 13 आरएसपी खेसरा की मापी हुई तो यह जमीन 115.84 एकड़ मिली.

इसमें से करीब 1.5 एकड़ जमीन अतिक्रमित मिली है. इसके अलावा कुछ ऐसी भी जमीन मिली है, जो दूसरे व्यक्ति के नाम पर केवाला हो चुका है, लेकिन अभी तक वहां कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ है. प्रमंडल आयुक्त अतुल प्रसाद की ओर से प्रतिनियुक्त अमीनों ने फिलहाल इसे अतिक्रमण के दायरे में नहीं माना है. लेकिन माना जा रहा है कि इस पर आपत्ति होना तय है.

सात दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद जिला भू-अर्जन पदाधिकारी अरविंद ठाकुर, विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी एके पॉल, डीसीएलआर पूर्वी शाहजहां व मुशहरी सीओ नवीन भूषण की टीम ने मन की मापी की रिपोर्ट तैयार कर ली है. इसे शुक्रवार को प्रमंडलीय आयुक्त अतुल प्रसाद की प्रस्तावित समीक्षा बैठक में पेश किया जायेगा. गुरुवार को जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने मन का निरीक्षण किया. उन्होंने निर्देश दिया कि मापी की जो रिपोर्ट तैयार की जाये, उसमें मन के सीमांकन के लिए किस स्थान पर लोहे का रड, किस स्थान पर पोल या किस स्थान पर पेड़-पौधे या कंटीले तार लगाना अनिवार्य है, इसका भी जिक्र करें. उन्होंने विशेष भू-अर्जन पदाधिकारी, एसडीओ पूर्वी, डीसीएलआर पूर्वी व सरकारी अमीन के साथ पूरे मन क्षेत्र का भ्रमण किया.
कैडेस्टल सर्वे से बनेगी तुलनात्मक रिपोर्ट. कैडेस्टल सर्वे के अनुसार, मन का कुल जलक्षेत्र (जल स्तर घटने व बढ़ने के हिसाब से) 145.56 एकड़ था. लेकिन रिविजनल सर्वे के हिसाब से यह सिर्फ 115.84 एकड़ ही रह गया है, यानी 29.72 एकड़ जमीन का फिलहाल कोई अता-पता नहीं है. गुरुवार को निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह ने कैडेस्टल सर्वे व रिविजनल सर्वे की तुलनात्मक रिपोर्ट तैयार करने को कहा. इससे यह पता लगाया जायेगा कि फिलहाल 29.72 एकड़ जमीन पर किसका कब्जा है!
गौशाला की जमीन का भी होगा सीमांकन. सिकंदरपुर मन के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने मुशहरी सीओ नवीन भूषण को गौशाला की जमीन के सीमांकन का भी निर्देश दिया. गौशाला ट्रस्ट के अनुसार, वहां उसकी सात एकड़ जमीन है.

वहीं उसके आस-पास बिहार सरकार व रैयत की जमीन भी बतायी जा रही है. गौशाला की जमीन के सीमांकन के दौरान अंबेडकरनगर की जमीन का भी सीमांकन होगा. इससे यह पता चल सकेगा कि अंबेडकरनगर के नाम पर जमीन का और अधिक अतिक्रमण तो नहीं किया गया है!

यहां मिला है अतिक्रमण. सिकंदरपुरमन की मापी के दौरान मुख्य रूप से छह खेसरा नंबर में अतिक्रमण पाया गया है. इसमें योगियामठ की ओर खेसरा नंबर-961, करबला रोड से स्टेडियम की ओर खेसरा नंबर-960, जूरन छपरा रोड नंबर-1 में उत्तर दिशा की ओर खेसरा नंबर-954, रामेश्वर कॉलेज के समीप उत्तर की ओर खेसरा नंबर-713 व 355 शामिल है. रिपोर्ट में अतिक्रमणकारियों के नाम भी दिये जायेंगे. जिन्हें प्रशासन जमीन खाली करने का नोटिस दे सकता है.
अंबेडकर नगर पर असमंजस में प्रशासन
मन के किनारे 9.79 एकड़ में फैले अंबेडकर नगर को लेकर प्रशासन असमंजस में है. प्रशासन के पुराने रिकॉर्ड के अनुसार अब तक इसे खासमहाल की जमीन माना जा रहा था. लेकिन फिलहाल मन की मापी में जिस 115.84 एकड़ जमीन का जिक्र किया गया है, उसमें अंबेडकरनगर शामिल नहीं है. इस संबंध में पूछे जाने पर खासमहाल पदाधिकारी सह डीसीएलआर पूर्वी शाहजहां ने बताया कि फिलहाल मन की मापी रिविजनल सर्वे के आधार पर हुई है. इसमें अंबेडकरनगर मन की जमीन में नहीं पाया गया. यह बिहार सरकार की जमीन का हिस्सा हो सकता है.

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