दो मजिस्ट्रेट की देख -रेख में सिकंदरपुर मन की पैमाइश शुरू
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नेहरू स्टेडियम के मुख्यद्वार को केंद्र िबंदु मान मन की मापी
दो मजिस्ट्रेट की देख -रेख में सिकंदरपुर मन की पैमाइश शुरू पांच दिन में पूरा होगा मापी, फिर हटेगा अतिक्रमण , महिला पुलिस की भी हुई तैनाती एसडीओ पूर्वी कर रहे मॉनिटरिंग, आठ अमीन कर रहे काम अनिल के घर चिपकाया इश्तेहार खबड़ा व कांटी के आिरजपुर गांव में पुिलस की ओर से कार्रवाई शातिर […]
पांच दिन में पूरा होगा मापी, फिर हटेगा अतिक्रमण , महिला पुलिस की भी हुई तैनाती
एसडीओ पूर्वी कर रहे मॉनिटरिंग, आठ अमीन कर रहे काम
अनिल के घर चिपकाया इश्तेहार
खबड़ा व कांटी के आिरजपुर गांव में पुिलस की ओर से कार्रवाई
शातिर अिनल ओझा के घर इश्तेहार िचपकाया गया है. उस पर करोड़ों की संपत्ति हड़पने के िलए गोलीबारी का आरोप है. िववि में छात्रा नेता शमीम की हत्या का भी आरोप है.
मुजफ्फरपुर : छात्र नेता शमीम हत्या कांड में फरार अनिल ओझा लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को चुनौती दे रहा है. फरारी की स्थिति में ही उसने खबड़ा गांव में करोड़ों की जमीन हड़पने के लिए वसंती देवी व उनके परिजनों पर गोलीबारी की थी.
घटना की प्राथमिकी भी दर्ज हुई. पुलिस ने छापेमारी की जरूर, लेकिन हमेशा की तरह अपनी डायरी में उसके फरार होने की स्थिति दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली. गोलीबारी मामले में अनिल ओझा व उसके दो सहयोगियों के फरार रहने की स्थिति में न्यायालय के आदेश पर पुलिस ने इश्तेहार चस्पाया है. इसके बाद भी अगर उसने आत्मसमर्पण नहीं किया तो उसके घर की कुर्की-जब्ती की जायेगी.
छात्र नेता शमीम हत्याकांड में फरार चल रहा अनिल ओझा को अपनी डायरी में एक बार फिर फरार दिखाना पुलिस की मजबूरी हो गयी है. खबड़ा गांव में करोड़ो की जमीन हड़पने के लिए विगत चार मार्च को अनिल ओझा अपने सहयोगियों कांटी के आरिजपुर निवासी ओमप्रकाश ठाकुर व राकेश रंजन उर्फ पप्पू के साथ वसंती देवी पर गोलीबारी की थी.
अनिल ओझा उनके करोड़ों की जमीन पर पिलर लगा रहा था. जानकारी होने पर जब उन्होंने ऐसा करने से मना किया तो गोलीबारी शुरू कर दी. सदर थाने में तत्कालीन आईजी पारसनाथ के फटकार के बाद घटना के पांच दिनों बाद इस मामले की प्राथमिकी संख्या- 139/16 दर्ज की गयी. पुलिस ने न्यायालय से उसकी गिरफ्तारी के लिए 18 अप्रैल को वारंट लिया. उसकी गिरफ्तारी के लिए कांटी,चकिया सहित आधे दर्जन जगहों पर छापेमारी की.
लेकिन सफलता हाथ नहीं लग सका. अनिल के गिरफ्तारी के लिए अंतिम 27 मई को कांटी के आरिजपुर से लेकर कई जगहों पर छापेमारी की गयी. जब वह नहीं मिल सका तो अनुसंधानक पुलिस अवर निरीक्षक उसे फरार दिखाते हुए न्यायालय में इश्तेहार के लिए आवेदन दिया था. न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने खबड़ा में अनिल ओझा, कांटी के आरिजपुर में ओमप्रकाश ठाकुर व राकेश रंजन पप्पू के घर पर इश्तेहार चस्पा दिया.
छात्र नेता शमीम हत्या कांड में भी तीन सालों से फरार है अनिल ओझा
पहली अगस्त 2013 को की थी शमीम की हत्या
तीन वर्ष पूर्व पहली अगस्त 2013 को छात्र नेता शमीम को विश्वविद्यालय परिसर में ही अनिल ओझा ने बाइक से खींचकर गोली मार उसकी हत्या कर दी थी. इस घटना के बाद वहां जमकर बबाल हुआ था. शमीम के परिजनों ने शातिर अपराधी अनिल कुमार ओझा, राजकुमार व तीन अज्ञात अपराधियों पर हत्या और आमर्स एक्ट की प्राथमिकी दर्ज करायी थी. घटना के बाद से ही अनिल ओझा फरार है. पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की बात कहते हुए उसे फरार होने की बात अपने डायरी में दर्ज कर रही है. अनिल के फरार रहने के स्थिति में उसके घर की कुर्की-जब्ती भी हो चुकी है.
विश्वविद्यालय थाना में कांड संख्या- हत्या के प्रयास व आर्म्स एक्ट 17/12, 24/12, 07/13, 14/13, 22/13, 23/ 13,
काजीमुहम्मदपुर थाना में कांड संख्या- 301/ 92, 17/93, 108/ 08,
सदर थाना कांड संख्या- 219/ 96,171/09,193/10, 296 /06, 139 /16, 222/16, 272/ 16, 172 /10, 19/ 09 दर्ज हैं.
हत्या, अपहरण, आर्म्स एक्ट के
डेढ़ दर्जन मामले हैं दर्ज
अनिल ओझा पर सामुहिक हत्या के एक, हत्या के पांच, हत्या के प्रयास के चार व आर्मस् एक्ट के सात मामले जिले के विभिन्न थानों में दर्ज हैं. अनिल के फरार होने के कारण सभी मामले न्यायालय में भी लंबित चल रहें है.
छात्र नेता शमीम हत्याकांड में तीन वर्षों से फरार चल रहें शातिर अपराधी अनिल ओझा के अवैध रुप से अर्जित संपत्ति को जब्त करने की तैयारी शुरू हो गयी है. सिटी एसपी अानंद कुमार ने विश्वविद्यालय थानाध्यक्ष को अनिल ओझा द्वारा अवैध रुप से अर्जित संपत्ति का ब्योरा ज्ञात कर विधि सम्मत कार्रवाई का निर्देश दिया है.
पुलिस सिटी एसपी के इस निर्देश के पालन के लिए कार्रवाई भी शुरू कर दी है. विश्वविद्यालय थाना पुलिस को दिये पत्र में सिटी एसपी आनंद कुमार ने यह माना है कि आपराधिक मामले में फरार अनिल ओझा अवैध रूप से संपत्ति अर्जित कर रहा है. उन्होंने विश्वविद्यालय थाना पुलिस को उसकी संपत्ति का ब्योरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. पुलिस द्वारा उसकी संपत्ति का ब्योरा उपलब्ध होते ही न्यायालय से उसके जब्त करने की कार्रवाई शुरू की जायेगी.
गत चार मार्च को करोड़ो के जमीन हड़पने के लिए शुकदेव ओझा, वसंती देवी सहित कई पर की थी गोलीबारी
24 वर्ष पहले जमीन विवाद मेंं ही अपने चाचा दिलीप ओझा की गोली मार कर दी थी हत्या
मामले में भी सजायाफ्ता है शातिर अनिल
अनिल पर सामुहिक हत्याकांड, हत्या,हत्या का प्रयास,ठगी व आर्मस एक्ट जैसे संगीन मामले हैं दर्ज
चाचा की हत्या में हो चुकी है उम्रकैद
अनिल ओझा ने 24 वर्ष पहले 14 नवंबर 1992 को भूमि विवाद में अपने ही चाचा दिलीप ओझा की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में काजीमुहम्मदपुर थाना में कांड संख्या-301/92 दर्ज की गयी थी. न्यायालय ने उसे इस हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. दिलीप ओझा के हत्याकांड में न्यायालय में गवाही और उनके परिवार के लोगों को मदद करनेवालों पर भी अनिल ने कहर बरपाया था. अनिल पर इस मामले में भी सदर व काजीमुहम्मदपुर में प्राथमिकी दर्ज हुई थी.
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