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पुलिस सजग होती तो बच जाती सुमित की जान
मुजफ्फरपुर: पुलिस अगर सजग होती तो शायद सुमित की जान बच सकती थी. सुमित के परिजन रातभर पुलिस से गुहार लगाती रही और पुलिस खुद आ जाने की बात कह टालती रही. पुलिस ने यह कह कर टालती रही कि सुमित खुद ही घर चला आयेगा. सुमित के पिता भाग्य नारायण सिंह अहियापुर व ब्रह्मपुरा […]
मुजफ्फरपुर: पुलिस अगर सजग होती तो शायद सुमित की जान बच सकती थी. सुमित के परिजन रातभर पुलिस से गुहार लगाती रही और पुलिस खुद आ जाने की बात कह टालती रही. पुलिस ने यह कह कर टालती रही कि सुमित खुद ही घर चला आयेगा. सुमित के पिता भाग्य नारायण सिंह अहियापुर व ब्रह्मपुरा थाना पुलिस से बेटे की खोजबीन के लिये मंगलवार की रात भर गुहार लगाते रहे थे, लेकिन पुलिस उनकी एक नहीं सुनी.
रात भर सुमित के मोबाइल पर परिजन करते रहे फोन. सुमित कोचिंग करने के बाद शाम सात बजे तक अपने घर पहुंच जाता था. लेकिन जब वह घर रात्रि के नौ बजे तक नहीं पहुंचा तो उसके पिता ने उसके मोबाइल पर फोन किया. लेकिन फोन नहीं रीसिव किया गया. इसके बाद परिजन को शंका हुई.
घर से 16 हजार लेकर निकला था. सुमित बैरिया स्थित चाणक्यपुरी मुहल्ला से ब्रह्मपुरा चौक स्थित कोचिंग संस्थान में एडमिशन के लिए घर से 16 हजार रुपये लेकर निकला था. ब्रह्मपुरा चौक स्थित कोचिंग करने के बाद सुमित शाम को 6 बजे कोचिंग से निकला था. सुमित इंटर का छात्र था. दोस्तों से उसने किसी व्यक्ति से मिलने की बात कह वहीं रुक गया. सुमित के पिता ने नगर डीएसपी को बताया कि सुमित का शव जहां मिला था, वहां उसके जेब में पैसे व उसके बैग में उसकी किताबें नहीं थीं. उसका मोबाइल बैग में रखा हुआ था.
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