मुजफ्फरपुर: बेनीबाद मुशहरी टोला में हाइटेंशन तार गिरने से एक ही परिवार के छह लोगों की हुई मौत मामले की जांच शुरू हो गयी है. बिहार सरकार ने नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के प्रोजेक्टर डायरेक्टर एसकेपी सिंह के नेतृत्व में कमेटी का गठन कर जांच की जवाबदेही सौंपी है. घटना के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों के दौरा व घटनास्थल के साथ मैठी पावर सब स्टेशन से में लगे ब्रेकर की जांच-पड़ताल के बाद लिये गये फोटो एवं बनाये गये वीडियो के आधार पर टीम अपनी रिपोर्ट बनाना शुरू कर दिया है.
ऊर्जा विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक इस घटना एस्सेल के लापरवाही के कारण हुआ है. अगर समय पर ब्रेकर का मेंटेनेंस होता या फिर जर्जर तार एवं पोल को ठीक किया गया होता. साथ ही हाइटेंशन तार के नीचे गार्ड वायर लगा होता होता, तो शायद तार टूटने के बाद भी इतनी बड़ी हादसा नहीं होती है. एक साथ छह लाेगों की मौत भी नहीं हो पाती. अब तक की जो जांच रिपोर्ट सामने आ रही है. इसमें एस्सेल के ऑपरेशन एवं मेंटेनेंस के जीएम नीरज गौर पर गाज गिर सकती है.
क्योंकि, ऊर्जा सचिव ने भी घटनास्थल व मैठी पावर सब स्टेशन का दौरा किया, तब ब्रेकर में खराबी होने की गड़बड़ी मिली थी. सचिव ने कहा कि अगर ब्रेकर का मेंटेनेंस समय से होता और वह ठीक रहता तो इस तरह की घटना कभी नहीं हो सकती थी. इधर, नीरज गौर से संपर्क साधा गया, तब उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर कुछ बोलने से साफ इनकार कर दिया.
ऊर्जा सचिव ने एस्सेल के जीएम को दी थी जेल भेजने की चेतावनी
घटना के बाद बेनीबाद मुशहरी का दौरा करने पहुंचे ऊर्जा सचिव प्रत्यय अमृत को जब एस्सेल अधिकारियों की लापरवाही उजागर हुई, तब कंपनी के जीएम नीरज गौर को प्रत्यय अमृत ने जमकर फटकार लगायी. घटना के बारे में पूछे जाने पर गोल-मटोल जवाब देने पर सचिव ने जीएम को हत्या का एफआइआर दर्ज करा जेल भेजने तक की चेतावनी दे डाली थी. इसके बाद से ही एस्सेल अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गयी. घटना के 24 घंटे के अंदर शुक्रवार को आलाधिकारियों की बैठक कर एस्सेल ने जर्जर आपूर्ति सिस्टम को जल्द से जल्द चुस्त-दुरुस्त करने का निर्देश दिया है. इसके बावजूद अब किसी प्रकार की कोई घटना घटती है, तब संबंधित क्षेत्र के एरिया मैनेजर दोषी माने जायेंगे.