मुजफ्फरपुर: महावीर की जन्म भूमि व गौतम बुद्ध के कर्म- भूमि स्थित ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा. करीब 44 करोड़ की राशि विकास करने की योजना है.
भवन प्रमंडल विभाग ने 44 करोड़ का प्राक्कलन तैयार कर तकनीकी स्वीकृति के लिए भेज दिया है. यह स्थान जिले के सरैया व मोतीपुर प्रखंड में है, जिसमें हर साल देश- विदेश के सैलानी आते – जाते रहते हैं. इनके विकास होने से यह क्षेत्र उत्तर बिहार में पर्यटन हब के रूप में उभरेगा. इससे आसपास के इलाके का भी विकास होगा. यह क्षेत्र सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा.
चयनित स्थल
इनमें भगवान बुद्ध के प्रथम योग गुरु अलार – का – राम सरोवर व समाधि, बौद्ध कालीन ख्यातिप्राप्त अर्थशास्त्री आचार्य विमल किरती (जापान में अभी भी इनका अर्थशास्त्र लागू है). वैशाली की नगर वधू आम्रपाली की वाटिका, बरुराज ग्राम स्थित प्राकृतिक सरोवर, कथैया स्थित ब्रrा स्थान (यहां जैन धर्म के 24 तीर्थंकर की पिंडी बनी हुई है). इसके अलावा प्रकृति जैन शोध संस्थान शामिल है.
इस शोध संस्थान में भगवान महावीर के उपदेश व प्रवचन का संग्रह प्राकृत भाषा में है. इस भाषा की पढ़ाई भी यहां होती है. मालूम हो कि इन ऐतिहासिक स्थलों को विकसित करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद रघुवंश प्रसाद सिंह ने राज्य सरकार को पत्र लिखा था. प्राकृति जैन शेध संस्थान बासोकुंड के विभिन्न निर्माण कार्य पर एक करोड़ 47 लाख अलार – का – राम व अलार कलाम समाधि, आचार्य विमल किरती सरोवर, आम्रपाली वाटिक एवं सरोवर ग्राम बरुराज पर 28 करोड़ 26 लाख 69 हजार राशि खर्च किये जायेंगे.