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कार्रवाई के आदेश पर जागा जिप प्रशासन

मुजफ्फरपुर : राज्य सरकार ने जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह को ‘होटल मीनाक्षी इंटरनेशनल’ का लीज रद्द कर उसे अपने नियंत्रण में लेने का आदेश दिया है. सरकार ने यह फैसला होटल के संबंध में जिला परिषद की ओर से स्थिति स्पष्ट करने से संबंधित प्रतिवेदन नहीं देने के आलोक में लिया है. आखिरी बार जिला प्रशासन […]

मुजफ्फरपुर : राज्य सरकार ने जिलाधिकारी धर्मेंद्र सिंह को ‘होटल मीनाक्षी इंटरनेशनल’ का लीज रद्द कर उसे अपने नियंत्रण में लेने का आदेश दिया है. सरकार ने यह फैसला होटल के संबंध में जिला परिषद की ओर से स्थिति स्पष्ट करने से संबंधित प्रतिवेदन नहीं देने के आलोक में लिया है.
आखिरी बार जिला प्रशासन ने बीते साल 27 जुलाई को उसे पत्र लिखा था. इसमें तत्कालीन खासमहाल पदाधिकारी ने पेनाल्टी व वित्तीय वर्ष 2015-16 में फ्रेश लीज के लिए तीन करोड़ 62 लाख 54 हजार 400 रुपये की डिमांड की थी. करीब आठ महीने तक चुप्पी साधे रखने वाला जिला परिषद प्रशासन सरकार का पत्र आने के बाद शनिवार को अचानक हरकत में आया.
मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने हाइकोर्ट में चल रहे टाइटल सूट का हवाला देते हुए फिलहाल इस पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा है. जिला अभियंता की ओर से दर्ज कराये गये मामले में जिला परिषद का दावा है कि जिस जमीन पर होटल खड़ी है, वह जिला परिषद के दखल कब्जे में है. इसको लेकर जिले की राजनीति एक बार फिर गरमाने के आसार हैं.
‘मोती महल डीलक्स’ का लगा नेम प्लेट. एक तरफ सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण के कारण ‘होटल मीनाक्षी इंटरनेशनल’ पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है, वहीं दूसरी ओर वहां ‘मोती महल डीलक्स’ खोलने की तैयारी अंतिम चरण में है. यह तंदूरी ट्रेल की एक शृंखला है, जिसकी देश भर में सौ से अधिक शाखाएं हैं. होटल मीनाक्षी इंटरनेशनल के बिल्डिंग पर ‘मोती महल डीलक्स’ का नेम प्लेट भी लगा है.साथ ही वहां बैनर भी लगाये गये हैं, जिसमें जल्दी ही इसका उद्घाटन होने की बात लिखी गयी है.
विस में सवाल उठने पर हरकत में आयी सरकार
गायघाट विधायक महेश्वर यादव ने विधानसभा में खासमहाल की जमीन पर मीनाक्षी होटल के अवैध निर्माण का मामला उठाया था. उन्होंने सरकार से पूछा था कि क्या नगर निगम वार्ड संख्या-8 के अंतर्गत राज्य सरकार की खासमहाल की भूमि को अवैध रूप से लीज पर लेकर मीनाक्षी होटल का निर्माण किया गया है? क्या इसमें जिला परिषद के तत्कालीन अध्यक्षों की मिलीभगत थी? जिला प्रशासन ने भी इसे स्वीकार कर लिया है. जिलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि जिला परिषद ने अपने स्तर से कुछ व्यक्तियों को व्यवसाय के लिए भूमि आवंटित कर दी थी, जिसके कुछ अंश पर मीनाक्षी इंटरनेशनल होटल संचालित हो रहा है.
डीसीएलआर पूर्वी की ओर से होटल निर्माण को अवैध मानते हुए जिला परिषद से दो करोड़ रुपये वसूली करने व होटल व पूरी जमीन को अपने नियंत्रण में लेने की अनुशंसा के संबंध में पूछे गये प्रश्न पर जिलाधिकारी ने बताया कि पेनाल्टी व वर्ष 2015-16 तक फ्रेश लीज के लिए जिला परिषद को 27 जुलाई 2015 को ही पत्र लिखा जा चुका है.
क्या प्रशासन खासमहाल की जमीन पर हुए अवैध निर्माण को अपने नियंत्रण में लेना चाहती है? विधायक के इस प्रश्न पर डीएम का जवाब था- नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है. डीएम की ओर से भेजे गये जवाब के आधार पर ही सरकार ने होटल का लीज रद्द कर उसे अपने कब्जे में लेने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा है.

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