पढ़ाई रुची नहीं रहने के कारण दसवीं में फेल हो गये. पिता नाराज हुए. मां नाराज तो नहीं हुईं, लेकिन पहले जैसा स्नेह भी नहीं रहा. आस-पड़ोस व रिश्तेदार ताने मारने लगे. निलय बताते हैं कि अचानक मुझे लगा कि सभी मुझसे दूर होते जा रहे हैं. इसके बाद मैने ठान लिया कि मै भी कुछ कर के दिखाऊंगा. पिता ने मुझे आथिर्क व भावनात्मक रूप से काफी सहयोग किया.
इंटर का परीक्षा द्वितीय श्रेणी से पास करने के बाद डिस्टेंस यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई प्रथम श्रेणी से पूरा किया. इसके बाद मैं एमबीए के पढाई के लिए पूणा चला गया. मेरे दीदी व जीजा जी पुणे में जॉब करते थे. मैं क्लास में टॉप करता था. मां व पिता मुझे अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करते रहते थे.