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स्मार्ट जंकशन के लिए रेल बजट पर टिकी निगाहें
मुजफ्फरपुर : स्मार्ट सिटी का सपना देख रहे शहरवासी को अब रेलवे की स्मार्ट सुविधा चाहिए. इसके लिए लोगों की निगाहें 25 फरवरी को पेश होने वाले रेज बजट पर जाकर टिक गयी हैं. रेल मंत्री सुरेश प्रभु मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के लोगों को किस तरह से लुभायेंगे, बजट में क्या-क्या व्यवस्था करेंगे, इसको […]
मुजफ्फरपुर : स्मार्ट सिटी का सपना देख रहे शहरवासी को अब रेलवे की स्मार्ट सुविधा चाहिए. इसके लिए लोगों की निगाहें 25 फरवरी को पेश होने वाले रेज बजट पर जाकर टिक गयी हैं. रेल मंत्री सुरेश प्रभु मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के लोगों को किस तरह से लुभायेंगे, बजट में क्या-क्या व्यवस्था करेंगे, इसको लेकर स्थानीय अधिकारी से लेकर विधायक, सांसद एवं आम पब्लिक ने अब गुणा-भाग करना शुरू कर दिया है. हालांकि, पिछले बजट में मुजफ्फरपुर समेत आसपास के स्टेशनों के लिए स्वीकृत परियोजनाओं पर काम शुरू नहीं होने से लोगों में निराशा है.
पिछले बजट में रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने सात करोड़ रुपये जंकशन के सौंदर्यीकरण व प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ाने के लिए बजट में व्यवस्था किया था, लेकिन इस कार्य को अब तक शुरू भी नहीं किया जा सका है.
इस कारण पहले से ए-वन का दर्जा प्राप्त मुजफ्फरपुर जंकशन पर यात्री सुविधा उसके अनुपात में नहीं मिलने से लोग निराश हैं. फिलहाल जंकशन पर बी-क्लास की भी यात्री सुविधा नहीं है. यात्रियों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह तक नहीं है. ए-वन क्लास के इस स्टेशन पर फर्स्ट क्लास के यात्री वेटिंग रूम के लिए कई साल से कवायद चल रही है, लेकिन अब तक यह पूरा नहीं हो सका है. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से इस रेल बजट से मुजफ्फरपुर को काफी उम्मीदें हैं. सबसे ज्यादा उम्मीदें चैंबर ऑफ कॉमर्स ने पाल रखा है.
राजधानी समेत कई ट्रेनों के चलने की उम्मीद
पहली बार उत्तर बिहार से पाटलिपुत्र के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने से इस बार के बजट में मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार वासियों को लंबी दूरी की कई नयी ट्रेने मिलने की उम्मीदें बढ़ गयी हैं. पुणे, नयी दिल्ली से लेकर इंदौर समेत कई जगहों के लिए राजधानी एक्सप्रेस समेत अन्य ट्रेन भी मिल सकती है. पिछले बजट से पूर्व ही मुजफ्फरपुर से नयी दिल्ली के लिए 15 घंटे में पहुंचने वाली स्पेशल ट्रेन की मांग जोर-शोर से हुई थी. चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सीधे पुणे तक ट्रेन चलाने की मांग की थी. स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए रेल मंत्री को पत्र लिख मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के सात सांसदों ने सिफारिश की थी. सांसदों ने कहा था कि उत्तर बिहार के लोगों को राजधानी एक्सप्रेस पकड़ने के लिए गांधी सेतु पुल पार कर पटना जाना पड़ता है. मुजफ्फरपुर से शाम को स्पेशल ट्रेन खुले जो 15 घंटे में दिल्ली पहुंचाये ताकि व्यवसायियों सहित आम नागरिकों व सांसदों की सुविधा हो. इसकी सिफारिश करने वाले सांसदों में मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद, गोपालगंज के जनक राम, बेतिया के संजय पासवान, वाल्मीकिनगर के सतीश चंद्र दूबे, शिवहर की रमा देवी, सीतामढ़ी के राम कुमार सिंह, मधुबनी के सांसद व पूर्व मंत्री हुक्मदेव नारायण यादव शामिल थे.
दरभंगा से भी उठ रही स्पेशल ट्रेनों की मांग
मुजफ्फरपुर से पाटलिपुत्र के बीच रेल सेवा शुरू होने के बाद मिथिलांचल की हृदयस्थली दरभंगा से भी लंबी दूरी की ट्रेन चलाने की मांग उठने लगी है. दरभंगा तक वाया बनारस, गाजीपुर, बलिया, छपरा एवं मुजफ्फरपुर एवं इंदौर से गुवाहाटी के बीच भाया भोपाल, इटारसी, जबलपुर, बनारस, बलिया, गाजीपुर, मुफफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, समस्तीपुर, बरौनी, बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, पूर्णिया दो सुपरफास्ट ट्रेन चलाने की मांग है. वर्तमान में इंदौर पटना के बीच चल रही ट्रेन को प्रतिदिन चलाने का अनुरोध करते हुए स्थानीय कई संगठन के लोगों ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु के नाम अलग-अलग ज्ञापन भेजा है. इसे इस बार के बजट में प्रावधान करने का अनुरोध किया है.
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