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हाई सक्यिोरिटी प्लेट की सुरक्षा का कब तक करना पड़ेगा इंतजार

हाई सिक्योरिटी प्लेट की सुरक्षा का कब तक करना पड़ेगा इंतजार ————————— जिले में 30 हजार वाहनों में लग चुका सिक्योरिटी प्लेट – विभाग डीलर प्वाइंट से जोड़ने की कर रहा कवायद कुमार गौरव / संवाददाता, मुजफ्फरपुरवाहनों के सुरक्षा के लिए लगाये गये हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) फिलहाल हाथी का दांत ही साबित हो […]

हाई सिक्योरिटी प्लेट की सुरक्षा का कब तक करना पड़ेगा इंतजार ————————— जिले में 30 हजार वाहनों में लग चुका सिक्योरिटी प्लेट – विभाग डीलर प्वाइंट से जोड़ने की कर रहा कवायद कुमार गौरव / संवाददाता, मुजफ्फरपुरवाहनों के सुरक्षा के लिए लगाये गये हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (एचएसआरपी) फिलहाल हाथी का दांत ही साबित हो रहा है. सिक्योरिटी प्लेट के डिजिटलाइजेशन नहीं होने के कारण यह समस्या आ रही है. हालांकि विभाग का कहना है कि जब तक सभी वाहनों में यह प्लेट नहीं लगाया जाता है तब तक डिजिटलाइजेशन नहीं किया जा सकता है. मामला चाहे जो भी हो जिले के 30 हजार वाहन मालिकों को सिक्योरिटी मिल का लाभ नहीं मिल पा रहा है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वाहनों को सुरक्षित करने के लिए सिक्योरिटी प्लेट लगाने की कवायद विभाग द्वारा शुरू की गई थी. जिले में इसकी शुरुआत जून 2012 में इसकी शुरुआत हुई थी. बीच में करीब डेढ़ साल के लिए इसे बंद कर दिया गया था. दोबारा इसे अक्तूबर 2013 में केवल नये सीरीज के वाहनों के लिए शुरू किया गया. आलम यह है कि करीब एक हजार प्लेट बनकर तैयार है लेकिन वाहन मालिक इसे लगाने में रूचि नहीं ले रहे है. इस धीमी गति को देखते हुए परिवहन विभाग अब इसे डीलर प्वाइंट पर से ही जोड़ने की कवायद कर रहा है. एचएसआरपी के फायदेइस नंबर प्लेट में एक लेजर कोट होता है. जिसमें हर स्टेट व हर जिले का अलग-अलग कोड होता है. साथ ही उसी लेजर में वाहन मालिक के पते के साथ उनके वाहन की सभी जानकारी उसमें अंकित होती है. इसमें आइएनडी का लोगो रहता है जो इसकी डुप्लीकेशी से इसे बचाता है. आग लगने पर भी इसका लेजर कोट नहीं जलता है. इसे खोला नहीं जा सकता है यह मशीन से पंच होता है. यह वाहनों में एक यूनीफॉर्म पैटर्न है. विभाग निजी एजेंसी के माध्यम से इसे वाहनों में लगवा रहा है. यह इसका पहला फेज है. जब अधिकांश वाहनों में इसे लगा दिया जायेगा. इसके बाद दूसरे फेज में इसका डिजिटलाइजेशन किया जायेगा. सभी थानों में इसकी रिपोर्ट भेजी जायेगी. और तीसरे फेज में इसे जीपीआरएस टेक्नॉलोजी से जोर दिया जायेगा. ताकि वाहनों का लोकेशन ट्रेस किया जा सके. वहीं इस प्लेट के लगने से सेंट्रलाइज वाहनों का डाटा तैयार होगा. किस वाहन में एचएसआरपी का कितना शुल्कदो चक्का : 131 रुपयेकार : 335 रुपयेऑटो : 162 रुपयेट्रैक्टर : 140 रुपयेटेलर : 140 रुपयेट्रक : 310 रुपये ——————बयान- एचएसआरपी के विस्तार को लेकर सरकार की ओर से पहल जारी है. बहुत जल्द यह काम डीलर प्वाइंट स्तर पर होने लगेगा. ताकि एचएसआरपी लगाने में तेजी आयेगी. यह वाहन मालिकों के लिए बेहतर है. आने वाले समय में इसका पूरा लाभ मिलेगा. —— जय प्रकाश नारायण, जिला परिवहन पदाधिकारी

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