सरकारी अस्पताल में पेट दर्द तक की दवा नहींपिछले वर्ष से नहीं हुई दवाओं की खरीद, परेशानी में मरीजदो महीने में ही खत्म हो गयीं एक लाख की दवाएं वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरसरकारी अस्पताल में दवाओं की किल्लत लगातार जारी है. जीवन रक्षक दवाओं की बात छोड़ दें तो सामान्य एंटीबायोटिक, पेट दर्द व खांसी की दवा तक समाप्त हो गयी है. तीन महीने पहले जिले में एक लाख की दवाओं की खरीद हुई थी, लेकिन जिले में यह दवा एक महीने तक नहीं चली. जरूरत पड़ने पर कुछ दवाएं एसकेएमसीएच से ली गयी थीं, लेकिन यह भी नाकाफी हुई. वर्तमान समय में अस्पताल में आठ दस दवाओं को छोड़ कर कोई भी दवा नहीं है. डॉक्टर भी नियम के अनुसार सरकारी दवा तो लिख देते हैं, लेकिन दवा नहीं मिलने पर मरीजों को भटकना पड़ता है. सरकारी दवा होने के कारण बाहर के दवा दुकानदारों को भी दवा समझ में नहीं आती. दवा कांउटर पर मौजूद फार्मासिस्ट कहते हैं कि दवाएं नहीं मिलने के कारण रोज मरीज उलझते हैं, लेकिन उनके पास कोई चारा नहीं है. एक चूक से उठाना पड़ रहा खामियाजापिछले वर्ष दवा टेंडर होने के बाद तकनीकी चूक के कारण राज्य स्वास्थ्य समिति ने दवा क्रय के लिए भेजे गये प्रस्ताव को रद्द कर दिया. तब से आज तक एकमुश्त दवाओं की खरीद नहीं हो सकी. सीएस फंड से बहुत जरूरी दवाएं भी काफी कम मात्रा में खरीदी गयीं. नतीजा पिछले वर्ष जरूरत के अनुसार मरीजों को दवाएं नहीं मिलीं.दवा खरीद के लिए क्रय समिति की बैठक में प्रस्ताव पास हो चुका है. डीएम के पास फाइल भेजी गयी है. उनकी स्वीकृति मिलते ही दवाओं की खरीद होगी.डॉ ललिता सिंह, सिविल सर्जन
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सरकारी अस्पताल में पेट दर्द तक की दवा नहीं
सरकारी अस्पताल में पेट दर्द तक की दवा नहींपिछले वर्ष से नहीं हुई दवाओं की खरीद, परेशानी में मरीजदो महीने में ही खत्म हो गयीं एक लाख की दवाएं वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरसरकारी अस्पताल में दवाओं की किल्लत लगातार जारी है. जीवन रक्षक दवाओं की बात छोड़ दें तो सामान्य एंटीबायोटिक, पेट दर्द व खांसी की […]
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