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विवि में चालान फॉर्म पर छीना-झपटी, हंगामा

विवि में चालान फॉर्म पर छीना-झपटी, हंगामा व्यवस्था बेपटरी -औपबंधिक अंकपत्र के लिए जुटी थी छात्रों की भीड़ -दुर्व्यवस्था के चलते हुयी फजीहत तो किया बवाल -कुलपति व रजिस्ट्रार के खिलाफ नारेबाजी भी की फोटो::: दीपक संवाददाता, मुजफ्फरपुरबीआरए बिहार विश्वविद्यालय में शुक्रवार को औपबंधिक अंकपत्र के लिए पहुंचे छात्रों ने जमकर हंगामा किया. यहां तक […]

विवि में चालान फॉर्म पर छीना-झपटी, हंगामा व्यवस्था बेपटरी -औपबंधिक अंकपत्र के लिए जुटी थी छात्रों की भीड़ -दुर्व्यवस्था के चलते हुयी फजीहत तो किया बवाल -कुलपति व रजिस्ट्रार के खिलाफ नारेबाजी भी की फोटो::: दीपक संवाददाता, मुजफ्फरपुरबीआरए बिहार विश्वविद्यालय में शुक्रवार को औपबंधिक अंकपत्र के लिए पहुंचे छात्रों ने जमकर हंगामा किया. यहां तक कि चालान फॉर्म के लिए छीना-झपटी होने लगी. हालत यह रहा कि छात्रों की भीड़ बढ़ते ही विवि प्रशासन की व्यवस्था बेपटरी हो गयी. छात्रों का रुख देखकर अधिकारी व कर्मचारी इधर-उधर खिसकते नजर आये. छात्रों का आरोप था कि औपबंधिक अंकपत्र के लिए विवि प्रशासन 300 रुपये का शुल्क ले रहा है, लेकिन उसके लिए भी कोई सिस्टम तैयार नहीं किया गया है. करीब दो घंटे तक प्रशासनिक भवन व कैंपस में अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. स्नातक पार्ट थर्ड की परीक्षा सितंबर 2015 में ही खत्म हो चुकी है, लेकिन तीन महीने से अधिक समय गुजरने के बाद भी विवि ने रिजल्ट घोषित नहीं किया. अब विवि के परीक्षा विभाग की लापरवाही का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन करना है. छात्रों ने बात की तो विवि ने औपबंधिक अंकपत्र देने का निर्णय लिया. शुक्रवार को जब छात्र आवेदन देने पहुंचे तो कोई व्यवस्था नहीं थी. कर्मचारी यह भी बताने को तैयार नहीं थे कि छात्रों को करना क्या होगा. इस पर कुछ युवकों का गुस्सा बढ़ गया और प्रशासनिक भवन में हंगामा शुरू कर दिया. छात्रों का कहना था कि जब विवि प्रशासन को पहले से ही भीड़ बढ़ने का अंदाजा था तो इसके लिए अलग से काउंटर की व्यवस्था करनी चाहिए थी. पहले से ही सिस्टम सही होता तो किसी को परेशानी नहीं होती. बाहर निकल गये जिम्मेदार अधिकारी प्रशासनिक भवन में जब छात्रों ने हंगामा शुरू किया तो मौका देखकर विवि के जिम्मेदार अधिकारी बाहर निकलते गये. उनके जाते ही कर्मचारी भी अपनी-अपनी कुर्सी छोड़कर कैंपस में निकल गये. सभी कमरों में एकाध लोग ही लाचारी में रुके हुए थे. हालांकि छात्रों का रुख देखकर वे भी सहमे हुए थे. उन्हें इस बात का डर सता रहा था कि कहीं छात्रों का गुस्सा और भड़क न जाए. छात्रों ने आगे बढ़कर बांटा चालान फाॅर्म चालान फॉर्म के लिए धक्का-मुक्की शुरू होने के बाद कुछ छात्रों ने ही हालात को काबू में करने की जिम्मेदारी ली. जैसे-तैसे चालान फाॅर्म हाथ लग गया तो अन्य छात्र-छात्राओं के बीच बांटने लगे. इसके लिए भी धक्का-मुक्की शुरू हो गयी. कुछ लोग प्रशासनिक भवन में, तो कुछ थाने के पास जाकर फाॅर्म बांट रहे थे. जहां जगह मिली वहीं बैठकर फाॅर्म भरा औपबंधिक अंकपत्र के लिए काफी संख्या में लड़कियां व महिलाएं भी जुटी थीं. जैसे-तैसे चालान फाॅर्म हाथ लगा तो वहीं पर बैठकर वे उसे भरने भी लगीं. जिसको जहां जगह मिली, वहीं बैठ गया. सबको जल्दी थी कि विवि से निर्धारित प्रक्रिया जल्द पूरी करके आवेदन दे दें, जिससे उनको आसानी से अंकपत्र उपलब्ध हो सके.

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