17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिले में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य योजना फेल

जिले में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य योजना फेलशहर के मरीजों के इलाज के लिए कन्हौली व सादपुरा में खुले थे केंद्रदवा व जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं, नहीं आ रहे मरीजव्यवस्थापकों ने कहा, विभाग के ध्यान नहीं देने से नहीं सफल हुई योजना वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरशहरी मरीजों के इलाज की व्यवस्था जिले में फेल हो गयी […]

जिले में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य योजना फेलशहर के मरीजों के इलाज के लिए कन्हौली व सादपुरा में खुले थे केंद्रदवा व जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं, नहीं आ रहे मरीजव्यवस्थापकों ने कहा, विभाग के ध्यान नहीं देने से नहीं सफल हुई योजना वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरशहरी मरीजों के इलाज की व्यवस्था जिले में फेल हो गयी है. अर्बन हेल्थ मिशन के तहत शहर में खोले गये दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दम तोड़ने की स्थिति में है. दवा नहीं मिलने के कारण मरीज अब इन केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसा स्वास्थ्य विभाग की ओर से केंद्रों पर ध्यान नहीं देने के कारण हुआ है. पीपी मोड के तहत जिन लोगों ने शहरी प्राथमिक केंद्र खोले जाने की जिम्मेवारी ली थी, उन्हें रोज मरीजों से उलझना पड़ रहा है. सरकारी स्तर पर दवाओं की आपूर्ति नहीं होने के कारण इन केंद्रों पर दवा उपलब्ध नहीं है. ओपीडी में डॉक्टर मरीजों को देख कर पुर्जा पकड़ा देते हैं. कहा जाता है दवाएं यहां नहीं हैं.एक्सरे व पैथोलॉजिकल जांच की सुविधा नहींपीपी मोड के तहत शहर में कन्हौली व सादपुरा लेन में पिछले साल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गये थे. पीपी मोड के तहत लोगों ने टेंडर के तहत केंद्र की शुरुआत की थी. इस व्यवस्था के तहत इन केंद्रों में ओपीडी चलाना था. दवाएं सरकार को उपलब्ब्ध करानी थीं. एक्सरे, सोनोग्राफी व पैथोलॉजिकल जांच का दायित्व भी स्वास्थ्य विभाग का था. लेकिन विभाग की ओर से मरीजों को दोनों सुविधा नहीं दी गयी. इन केंद्रों से जांच के लिए लोगों को सदर अस्पताल रेफर किया जाता है. नतीजा इन केंद्रों पर इलाज कराने मरीज नहीं जा रहे हैं. केंद्रों में 2200 मरीज देखने का लक्ष्यइन केंद्रों को महीने में 2200 मरीज देखने का लक्ष्य मिला था. इस एवज में विभाग उन्हें एक लाख 20 हजार देता है. नियम के हिसाब से प्रत्येक केंद्र में एक फिजिशियन व एक स्त्री रोग विशेषज्ञ को रखना है. दो एएनएम व दो कंपाउंडर की भी व्यवस्स्था करनी है. केंद्रों को राशि का भुगतान तभी होगा जब वे लक्ष्य को पूरा करेंगे. लेकिन जांच व दवा के अभाव में मरीज इन केंद्रों पर नहीं पहुंच रहे.स्वास्थ्य विभाग की थी योजना स्वास्थ्य विभाग की योजना थी कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुल जाने से सदर अस्पताल में मरीजों की भीड़ कम होगी. साथ ही इलाज के लिए लोगों को नजदीकी सेंटर में जाने की सुविधा मिलेगी. पिछले वर्ष इसके लिए शहर के चार स्थानों को चयनित कर टेंडर निकाला गया. इसमें बालूघाट व ब्रह्मपुरा में सेंटर के लिए किसी नर्सिंग होम ने टेंडर नहीं भरा. शहर में सादपुरा व कन्हौली में ही सेंटर खुले. लेकिन सुविधा नहीं मिलने के कारण ये केंद्र भी अब शोभा की वस्तु बन गये हैं.बयान पीपी मोड के तहत ओपीडी की शुरुआत की गयी थी. लेकिन विभाग की ओर से दवाएं नहीं मिल रही हैं. रोज मरीजों से उलझना पड़ रहा है. जांच के लिए सदर अस्पताल रेफर करना पड़ता है. बावजूद 2200 मरीजों का इलाज करने का लक्ष्य भी है. ऐसी स्थिति में इलाज मुश्किल है.- विशेश्वर प्रसाद शंभु, व्यवस्थापक, कन्हौली शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र………………………मरीज बहुत कम आ रहे हैं. उन्हें सुविधा ही नहीं मिल रही है तो इलाज के लिए क्यों आये. कई बार सीएस को पत्र लिखा गया, लेकिन विभाग की ओर से सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं. स्थिति यह है कि घाव में चीरा लगाना हो तो भी मरीज को सदर अस्पताल भेजे कोई उपाय नहीं है. – शैलेंद्र कुमार सिंह, व्यवस्थापक, सादपुरा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें