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गुरूजन की सेवा से मोक्ष की प्रात्ति

गुरूजन की सेवा से मोक्ष की प्रात्ति मुजफ्फरपुर. अहियापुर थाने के सहवाजपुर अंबेदकर कॉलनी में हो रहे श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन आचार्य धीरज झा धर्मेश जी महराज ने कथा का रस पान कराये. उन्होने बताया कि गुरूजन की सेवा से ही मानव जाति का उत्त्थान हुआ है. गुरूओं के आशिर्वाद से मोक्ष की […]

गुरूजन की सेवा से मोक्ष की प्रात्ति मुजफ्फरपुर. अहियापुर थाने के सहवाजपुर अंबेदकर कॉलनी में हो रहे श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन आचार्य धीरज झा धर्मेश जी महराज ने कथा का रस पान कराये. उन्होने बताया कि गुरूजन की सेवा से ही मानव जाति का उत्त्थान हुआ है. गुरूओं के आशिर्वाद से मोक्ष की प्रात्ति होती है. गुरू के बीना कोई ज्ञान वान नहीं हो सकता. आगे बताते हुए उन्होने ने कहा ध्रुव जी ने गुरू के आदेश पर भगवान विष्णु की छह माह तक कठोर तपस्या किया व अमर हो गये. आगे कथा में प्रहलाद जन्म,नरसिंह अवतार,राजा सागर के पुत्र कपिलमुनी के तेज प्रताप से जल कर भष्म हो जाना , उसके डद्धर के लिए राजा दीलीप,राजा आशुभान व राजा भगीरथ तीन पीढ़ी द्वारा लागातार तपस्या कर गंगा को धरती पर उतारना. कथा में मुख्य रूप से कन्हैया झा,राघवेंद्र सिंह, संतोष , प्रभात आदी थे.

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