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तालिमी मरकज के चयन में बड़े रैकेट का हाथ!

तालिमी मरकज के चयन में बड़े रैकेट का हाथ!-दबाव के कारण बीच में जांच छोड़कर छुट्टी पर गए डीपीओ -गड़बड़ी की शिकायत पर चल रही जांच से मची है खलबली -डीएम के कड़े रुख के बाद विभागीय अफसर भी मुश्किल में धनंजय पांडेय, मुजफ्फरपुर जिले में तालिमी मरकज केंद्र बनाने व साधनसेवियों के चयन में […]

तालिमी मरकज के चयन में बड़े रैकेट का हाथ!-दबाव के कारण बीच में जांच छोड़कर छुट्टी पर गए डीपीओ -गड़बड़ी की शिकायत पर चल रही जांच से मची है खलबली -डीएम के कड़े रुख के बाद विभागीय अफसर भी मुश्किल में धनंजय पांडेय, मुजफ्फरपुर जिले में तालिमी मरकज केंद्र बनाने व साधनसेवियों के चयन में गड़बड़ी हुई है, जिसमें बड़े रैकेट का हाथ है. चयन प्रक्रिया में मोटी रकम पर सौदा कर मेधा सूची में उलटफेर करने की आशंका जतायी जा रही है. जब जांच की बात सामने आयी तो रैकेट ने सीधे दबाव बनाना शुरू कर दिया. डीएम के निर्देश पर जांच के लिए गठित कमेटी के को-आॅर्डिनेटर बनाये गये डीपीओ माध्यमिक शिक्षा व साक्षरता कामेश्वर कामती के लंबे अचानक अवकाश पर चले जाने के बाद विभागीय अधिकारी भी दबी जुबान इस बात की पुष्टि कर रहे हैं. चयन प्रक्रिया में लगातार मिल रही शिकायतों पर पिछले महीने डीएम ने जांच का निर्देश दिया था. कामती के नेतृत्व में डीपीओ नीता कुमारी पांडेय व नुरूल होदा भी जांच टीम में थे. 23 नवंबर को जांच टीम ने सभी बीइओ को बुलाकर रिपोर्ट भी मांगी, जो 27 नवंबर तक देनी थी. हालांकि, इसके बाद जब दबाव शुरू हुआ तो अधिकारियों ने चुप्पी साध ली. इस बीच बिना रिपोर्ट दिए ही कामती ने तबीयत खराब होने की बात कहकर लंबा अवकाश ले लिया. -329 केंद्र बने, लगभग सभी पर शिकायत जहां विद्यालयों से दूर मुसलिम बस्तियां है, वहां बच्चों को शिक्षा देने के लिए तालिमी मरकज केंद्र चयनित किए गये. जिले में 329 केंद्र बनाये गये व साधनसेवियों का चयन आठ सदस्यीय कमेटी बनाकर किया गया. हालांकि, जुलाई में प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही शिकायतों की भरमार लग गयी. लगभग सभी केंद्रों पर गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं, लेकिन विभाग ने किसी की जांच नहीं करायी. -बिना अनुमोदन के ही करा दिया योगदान गड़बड़ी के कई मामले तत्कालीन डीएम अनुपम कुमार के पास पहुंचे तो उन्होंने निर्देश दिया कि साधनसेवियों का योगदान मेधा सूची का अनुमोदन होने के बाद ही कराया जायेगा. इसकी जिम्मेदारी उन्होंने डीइओ को दी. हालांकि, नगर सहित कई प्रखंडों में बीइओ ने मनमानी करते हुए बिना अनुमोदन के ही साधनसेवियों को योगदान भी करा दिया. जांच के बाद डीइओ ने सभी का चयन स्थगित कर दिया है. जांच शुरू होते ही हुआ था हंगामा डीइओ के निर्देश पर गठित कमेटी ने जिस दिन जांच शुरू की, उसी दिन हंगामा हुआ. 23 नवंबर को विद्या बिहार स्कूल में मेधा सूची व चयन से संबंधित अन्य रिपोर्ट के साथ सभी बीइओ को बुलवाया गया था. अधिकारियों के सामने ही एक बीइओ ने न केवल हंगामा किया, बल्कि डीइओ को भी देख लेने की धमकी दे डाली. उनका रुख देखकर जांच कमेटी के सदस्य भी हक्का-बक्का रह गये थे, लेकिन किसी ने कुछ बोलने का साहस नहीं किया. बोले अधिकारी-तालिमी मरकज केंद्रों के चयन में अनियमितता की गयी है. जांच के लिए कमेटी बनी थी, लेकिन डीपीओ कामेश्वर कामती के छुट्टी पर जाने के कारण जांच अधूरी रह गयी. उन्हें कब लौटना है, इसकी कोई सूचना भी नहीं है. अब नए सिरे से जांच कराई जाएगी. इसके लिए अलग-अलग तीन कमेटी बनानी है, जिससे जांच जल्दी हो सके. गणेश दत्त झा, डीइओ

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