11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मीटर रीडिंग व बिल वितरण के लिए बदली जायेंगी एजेंसियां

मीटर रीडिंग व बिल वितरण के लिए बदली जायेंगी एजेंसियांमुंबई की फेब-को कंपनी को यह काम देने पर बनी सहमति बिना रीडिंग के ही मिलता 20 हजार उपभोक्ताओं को बिल 1.25 लाख उपभोक्ता को बिजली का कनेक्शन है पर मीटर नहीं कार्यशैली को देख एजेंसियों को बदलना बहुत जरूरीवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरबिजली उपभोक्ताओं की परेशानियों से […]

मीटर रीडिंग व बिल वितरण के लिए बदली जायेंगी एजेंसियांमुंबई की फेब-को कंपनी को यह काम देने पर बनी सहमति बिना रीडिंग के ही मिलता 20 हजार उपभोक्ताओं को बिल 1.25 लाख उपभोक्ता को बिजली का कनेक्शन है पर मीटर नहीं कार्यशैली को देख एजेंसियों को बदलना बहुत जरूरीवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरबिजली उपभोक्ताओं की परेशानियों से निजात नहीं दिलाने वाली एजेंसियों पर कार्रवाई तय है. काम करने में सक्षम नहीं होने वाली एजेंसियों को बदल दिया जायेगा. पुरानी कंपनियों को हटा कर शहर में मुंबई की फेब-को नामक एजेंसी काम करेगी. यह कंपनी मुंबई की फीडबैक इंफ्रा से जुड़ी हुई है. संतोषजनक काम नहीं करने वाली एजेंसियों की विदाई के लिए कंपनी मन बना चुकी है. हाइ लेबल अथॉरिटी के साथ मीटिंग में यह बात तय हो गयी है. एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड का कहना है कि अभी तक जिन एजेंसियों को काम दिया गया है, उन्होंने अपने काम से उभोक्ताओं को संतुष्ट नहीं किया है. यहां एस्सेल के अधीन करीब 2.60 लाख उपभोक्ता हैं. इनमें से 1.25 लाख उपभोक्ताओं को हर माह बिजली बिल भेज दिया जाता है. 20 हजार उपभोक्ताओं को बिजली बिल बिना रीडिंग के ही मिलता है. हालांकि, उनके यहां मीडर लगा हुआ है. बाकी बचे उपभोक्ताओं के पास मीटर नहीं लगाये हैं. इन लोगों को फिक्स बिजली बिल भेज दिया जाता है. यानी अभी भी 1.25 लाख उपभोक्ता को बिजली का कनेक्शन तो दिया गया, लेकिन उन्हें मीटर की सुविधा नहीं दी गयी. इन उपभोक्ताओं को औसत बिजली बिल दिया जा रहा है. हालांकि इनमें से हजार लोग नये कनेक्शन के साथ मीटर लगाने की कई बार मांग कर चुके हैं. बिजली आपूर्ति कंपनी एस्सेल ने अपने वेंडरों से कहा था कि किसी भी हाल पर लेट-लतीफी बरदाश्त नहीं की जायेगी. लेकिन मीटर रीडिंग व बिल वितरण में सहज वसुधा से गड़बड़ी हो गयी. इसके बाद काम छीन लिया गया. पांच प्रखंडों में अलग-अलग कंपनियों को दोनों काम किया गया. लेकिन सफलता नहीं मिली. एस्सेल विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के बिजनेस हेड संजय कुमार ने बताया कि एक एजेंसी को काम देने से काम तेज गति से होगी. कार्यशैली को देख एजेंसियों को बदलना बहुत जरूरी है. छोटी एजेंसियों से काम कराने में काफी परेशानी होती है. उपभोक्ता समय पर बिजली बिल जमा नहीं करते हैं. ऐसे में काम करने वाली एजेंसी को सोचना होगा. बहुत मौका दिया लेकिन काम नहीं हो सका है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें