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एक माह पीछे हो गयी खेती-किसानी
मुजफ्फरपुर : चुनाव के कारण खेती-किसानी एक माह पीछे चली गयी है. पिछले वर्ष 13 अक्तूबर को डीएओ ने बीज बांटने का निर्देश जारी कर दिया था. खेती से पूर्व कृषि अधिकारियों व कर्मियों को खेती से पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम भी हो गया था, लेकिन इस वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव के आदर्श आचार संहिता के […]
मुजफ्फरपुर : चुनाव के कारण खेती-किसानी एक माह पीछे चली गयी है. पिछले वर्ष 13 अक्तूबर को डीएओ ने बीज बांटने का निर्देश जारी कर दिया था. खेती से पूर्व कृषि अधिकारियों व कर्मियों को खेती से पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रम भी हो गया था, लेकिन इस वर्ष बिहार विधानसभा चुनाव के आदर्श आचार संहिता के कारण खेती की योजनाओं पर कोई काम नहीं हो सका.
विस चुनाव का परिणाम रविवार को आयेगा. इसके बाद कृषि विभाग के अधिकारी खेती की योजनाओं के बारे में बात कर सकते हैं. इस वर्ष अभी तक रबी की खेती के लिए अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम भी नहीं हुआ है. प्रशिक्षण भी चुनाव बाद 12 नवंबर को प्रमंडल स्तरीय व 14 नवंबर को जिला स्तरीय अधिकारियों व कर्मियों का प्रशिक्षण होगा. जबकि पिछले वर्ष सितंबर में ही प्रमंडलीय व जिला स्तर के अधिकारियों और कर्मियों का प्रशिक्षण हो चुका था.
पिछले वर्ष अक्तूबर में बंट गया था बीज
बहरहाल, चुनाव के कारण किसानों को स्वी विधि से गेहूं की खेती, जीरो टिलेज से गेहूं की खेती, मक्का व दलहन की अंतवर्ती खेती, मसूर की खेती, अन्य दलहनी फसलों की खेती की योजनाओं पर कोई सुगबुगाहट नहीं है.
जबकि पिछले वर्ष एनएफएसएम में अतिरिक्त दलहन क्षेत्र आच्छादन कार्यक्रम के तहत 440 एकड़ में मसूर की खेती, 1106 एकड़ में मसूर खेती का प्रत्यक्षण, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत स्वी विधि से 5141 एकड़ में गेहूं की खेती, मक्का व दलहन का अंतवर्ती फसल प्रत्यक्षण कार्यक्रम अंतर्गत 3705 एकड़ में खेती और राज्य योजना अंतर्गत जीरो टिलेज तकनीक से 13386 एकड़ में गेहूं की खेती के लिए बीज के साथ अन्य सामग्री किसानाें को बांट दी गयी थी. इस वर्ष सब ठप पड़ा हुआ है.
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