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आशा बचायेगी शिशुओं का जीवन

आशा बचायेगी शिशुओं का जीवनप्रसव दौरान शिशु मृत्यु दर में कमी लायेगा स्वास्थ्य विभागगर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी रखेगी आशावरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरप्रसव के समय शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग आशा व आंगनबाड़ी सेविका का सहयोग लेगा. ये अपने क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं का खासा ख्याल रखेगी. उसके टीकाकरण से […]

आशा बचायेगी शिशुओं का जीवनप्रसव दौरान शिशु मृत्यु दर में कमी लायेगा स्वास्थ्य विभागगर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी रखेगी आशावरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरप्रसव के समय शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग आशा व आंगनबाड़ी सेविका का सहयोग लेगा. ये अपने क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं का खासा ख्याल रखेगी. उसके टीकाकरण से लेकर प्रसव के समय तक होने वाली परेशानियों से वे डॉक्टर को अवगत करायेंगी. नेशनल हेल्थ मिशन की पहल जिले में यह योजना शुरू की गयी है. स्वास्थ्य उपनिदेशक ने सभी सीएस को इसके पालन का निर्देश दिया है. इस पहल से जिले में मातृ व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने का प्रयास किया जायेगा. इसके लिए जल्द कार्यशाला भी आयोजित की जायेगी.एनीमिया से होती है सर्वाधिक मौतेंप्रसव से पूर्व महिलाओं व शिशुओं की मौत का प्रमुख कारण एनीमिया है. विभाग की मानें तो गर्भवती महिलाएं नियमित चेकअप नहीं कराती हैं, जिस कारण उनके ब्लड में हीमोग्लोबीन का पता नहीं चलता. इसके अलावा ऐस्फीक्सिया (बच्चे की सांस रुक जाना), समय पूर्व बच्चे का जन्म, प्रसव का रुक जाना, एक्लेम्पीसिया (प्रसव के दौरान या तुरंत बाद में शरीर ऐंठने की प्राणघातक स्थिति) भी महिलाओं व शिशुओं की मौत का कारण है. आरपीएम प्रशांत कुमार ने कहा कि महिलाओं व शिशुओं की मृत्यु दर में कमी लाने व अन्य कारणों का पता करने के लिए विभाग की ओर से जागरुकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है. साथ ही सभी एमओआइसी को पीएचसी से मौतों का सही आंकड़ा देने के लिए कहा गया है.

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