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सड़क से पंडालों के बांस हटाने की जिम्मेदारी किसकी?

मुजफ्फरपुर: पूजा के बाद मूर्ति विसजर्न को पांच दिन बीत गये हैं, लेकिन अभी तक शहर के कई प्रमुख पूजा पंडालों के बांस सड़कों पर ही लगे हैं. इनकी वजह से शहर रोज जाम में फंस रहा है. आड़े-तिरछे लगे बांसों से लोग जख्मी भी हो रहे हैं. सवाल ये है, आखिर किसकी जिम्मेदारी है, […]

मुजफ्फरपुर: पूजा के बाद मूर्ति विसजर्न को पांच दिन बीत गये हैं, लेकिन अभी तक शहर के कई प्रमुख पूजा पंडालों के बांस सड़कों पर ही लगे हैं. इनकी वजह से शहर रोज जाम में फंस रहा है. आड़े-तिरछे लगे बांसों से लोग जख्मी भी हो रहे हैं. सवाल ये है, आखिर किसकी जिम्मेदारी है, पूजा पंडालों के बांस सड़क से हटाने की. उन पूजा समितियों की, जिन्होंने बड़े जोर-शोर से मां की पूजा की तैयारी की थी, लेकिन अब उनके सदस्य कहीं नहीं दिख रहे हैं. शहर के लोग किस हाल में है. इसकी परवाह उन्हें नहीं है.

या फिर प्रशासन की, जिसने बीच सड़कों पर पंडाल के लिए बांस लगाने की अनुमति दी. या फिर किसी और की. जिम्मेदारी तो तय करनी होगी. बांसों के सड़कों से हटाना होगा, तभी जाम से कुछ निजात मिलेगी, लेकिन इसे करवायेगा कौन? प्रशासन, पुलिस, नगर निगम या फिर कोई और? पांच दिन बीत गये हैं, कोई सामने नहीं आ रहा है. आखिर हम सब कब चेतेंगे? क्या वह लोग जाम में नहीं फंस रहे होंगे या फिर उन्हें परेशानी नहीं हो रही होगी, जिन्होंने इन बांसों को सड़क पर लगाया या लगवाया. एमडीडीएम में पढ़नेवाली छात्र अनीता राय ने परेशान होकर प्रभात खबर को पत्र भेजा. प्रभात खबर ने इस मामले को उठाया है. अनीता ने वार्ड 45 में मालीघाट के पास भारत माता चौके के पंडाल का जिक्र किया है. अनीता लिखती हैं, मां की पूजा के नाम पर बीच सड़क पर प्रतिमा स्थापित की गयी. इससे सड़क पूरी तरह जाम हो गयी. अब पूजा को एक सप्ताह बीत चुके हैं, लेकिन पंडाल ज्यों का त्यों है. बांस-बल्ली को हटाया नहीं गया है. सड़क से आवागमन पूरी तरह से बाधित है.

अनीता आगे लिखती हैं, हमारा प्रशासन से अनुरोध है, पंडाल को तत्काल हटवाये. साथ ही यह भी तय करे, भविष्य में ऐसे सड़क पर यातायात बाधित नहीं हो. सुनीता की आवाज शहर के उस आम शहरी की आवाज है, जो परेशान हो रहा है. मां की पूजा के नाम पर एक-दो दिन की छूट तो दी जा सकती है, लेकिन क्या महीनों की छूट ऐसी ही दी जा सकती है. क्या इस पर कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. ये कोई पहला साल नहीं है, जब मां की पूजा के बाद सड़कों पर बांस-बल्ली पड़ी है. पिछले सालों में भी ऐसा होता रहा है, तब भी किसी ओर से इन्हें हटाने के लिए आवाज नहीं उठी थी. सुविधा के मुताबिक ही सड़क से बांस बल्ली को हटाया गया था, लेकिन यह हमारी आदत में शुमार होता जा रहा है, जो गलत है. इस पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है. ताकि पहले से ही जाम में फंस रहे शहर के लोगों को कुछ निजात तो मिले.

पोल में रख दिया बांस
सरैयागंज टावर से छोटी सरैयागंज रोड पर सड़क के बीच में लगे पोल के पास सटा कर बांस रख दिये गये हैं, जो काफी घातक दिख रहे हैं. अगर कोई इनसे टकराये तो घायल हुये बिना बच नहीं सकता है. खतरनाक हालत में रखे इन बांसों को देखनेवाला कोई नहीं है. ऐसे ही कंपनीबाग में स्टेशन के पास जानेवाली रोड पर भी बांस लटक रहे हैं.

24 घंटे में कराया विसजर्न
सड़क पर पड़े बांसों से हो रही परेशानी से प्रशासन भी नहीं बच सकता है, क्योंकि जब मूर्तियों के विसजर्न की बारी आयी थी तो प्रशासन ने पूरी ताकत झोक दी और 24 घंटे में ज्यादातर मूर्तियों का विसजर्न करवा दिया. जहां मूर्तियों का विसजर्न नहीं हुआ. उनका लाइसेंस रद्द करने की चेतावनी दी गयी. बांस को हटाने में ऐसी फूर्ति प्रशासन क्यों नहीं दिखाता?

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