मुजफ्फरपुर: राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र, मुजफ्फरपुर की ओर से पिपराकोठी में उत्तम कृषि क्रियाओं पर दो दिवसीय उद्यान संगोष्ठी 2015 का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, भारत सरकार के महानिदेशक सह सचिव कृषि शोध व शिक्षा डॉ ़ एस़ अयय्पन मौजूद थे.
उन्होंने कहा, उत्तम कृषि क्रियाओं से फसलों का बेहतर उत्पादन होता है. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उद्यान की फसलों में उत्तम कृषि क्रियाओं का महत्व की किसानों को जानकारी देनी थी. कार्यक्रम में सब्जी में उत्तम प्रबंधन की तकनीकी जानकारी भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी के निदेशक डॉ विजेंद्र सिंह ने दी. लीची में उत्तम कृषि के बारे में डॉ विशाल नाथ, डॉ अमरेन्द्र कुमार ने विस्तार से बताया. केला की उन्नत बागवानी पर डॉ अखिलेश दूबे व उद्यान में बीजों के महत्व के बारे में डॉ जेएस चौहान ने जानकारी दी.
आलू के बारे में डॉ मनोज कुमार, आम के बारे में डॉ विकास दास व फल वृक्षों के जीर्वोद्घार के बारे में डॉ राजेश कुमार ने किसानों को अवगत कराया. कार्यक्रम में उपोष्ण बागवानी, शुष्क क्षेत्रीय बागवानी, केंद्रीय फसलों की खेती, फूल व औषधि वाले फसलों के बारे में बताया. फलों की तुड़ाई, फलों में कीट व रोग प्रबंधन के बारे में विशेषज्ञों ने अपने विचार रखें.
आयोजन राष्ट्रीय समेकित कृषि शोध केंद्र की स्थापना के अवसर पर किया गया. संस्थान की स्थापना शुक्रवार को माननीय कृषि मंत्री भारत सरकार श्री राधा मोहन सिंह करेंगे. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के अनेक निदेशकों डा रामेश्वर सिंह, डॉ त्रिलोचन महापात्र, डॉ ओंकार नाथ सिंह, डॉ विनोद गुप्ता, डॉ अरुण कुमार सिंह, वैज्ञानिक डॉ मंडल, डॉ नेदुन चिड़ियन, डॉ कुलदीप श्रीवास्ताव, डॉ आरके पटेल के साथ भारी संख्या में किसानों ने भाग लिया. इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी में कृषकों ने नवीनतम जानकारी ली. कार्यक्रम में लल्लन शुक्ला, मणि भूषण शर्मा, रामाकांत सिंह, अरुण कुमार व अनेक किसान मौजूद थे.